Class 6th Science Chapter 10 – गति एवं दूरियों का मापन
NCERT Solutions for class 6 Science chapter 10. गति एवं दूरियों का मापन – जो उम्मीदवार छठी कक्षा में पढ़ रहे है उन्हें गति एवं दूरियों का मापन के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है .इसके बारे में 6th कक्षा के एग्जाम में काफी प्रश्न पूछे जाते है .इसलिए यहां पर हमने एनसीईआरटी कक्षा 6th विज्ञान अध्याय 10 (गति एवं दूरियों का मापन) का सलूशन दिया गया है .इस NCERT Solutions for class 6 Science chapter 10 Motion and Measurement of Distances की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. इसलिए आप Ch.10 गति एवं दूरियों का मापन के प्रश्न उत्तरों ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे.
पाठ्यपुस्तक के अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर
उत्तर- वायु पर उपयोग किए जाने वाले परिवहन के साधन-वायुयान तथा हैलीकाप्टर। जल पर उपयोग किए जाने वाले परिवहन के साधन-समुद्री जहाज, नौका। थल पर उपयोग किए जाने वाले परिवहन के साधन-बस, कार, रेलगाड़ी।
(क) एक मीटर में ………………. सेंटीमीटर होते हैं।
(ख) पाँच किलोमीटर में ………………. मीटर होते हैं।
(ग) झूले पर किसी बच्चे की गति ………………. होती है।
(घ) किसी सिलाई की मशीन की सुई की गति ………………. होती है।
(ङ) किसी साइकिल के पहिए की गति ………………. होती है।
उत्तर- (क) 100 ‘ (ख) 5,000 (ग) आवर्ती (घ) आवर्ती (ङ) वर्तुल
उत्तर- पग अथवा कदम का उपयोग लंबाई के मानक मात्रक के रूप में नहीं किया जा सकता क्योंकि भिन्न-भिन्न व्यक्तियों के पग अथवा कदम की लंबाई भी भिन्न-भिन्न होती है। इसलिए विभिन्न लोगों से लिया गया माप भी भिन्न-भिन्न होगा जिससे उचित माप नहीं लिया जा सकेगा।
उत्तर- बढ़ते परिमाण के क्रम में: 1 मिलीमीटर <1 सेंटीमीटर <1 मीटर <1 किलोमीटर।
हल- व्यक्ति की लंबाई = 1.65 मीटर
= 1.65 x 100 (:.: 1 मीटर = 100 सैंटीमीटर )
= 165 सेंटीमीटर (:. 1 सेंटीमीटर = 10 मिलीमीटर )
= 165 x 10
= 1650 मिलीमीटर।
हल- राधा के घर तथा उसके स्कूल के बीच की दूरी = 3250 मीटर
= 3250 / 1000किलोमीटर।
(:. 1 किलोमीटर = 1000 मीटर )
= 3.250 किलोमीटर
हल- स्वेटर बुनने की सलाई की लंबाई = अंतिम सिरे का पाठ्यांक – आरंभिक
सिरे का पाठ्यांक
= 33.1 सेंटीमीटर – 3.0 सेंटीमीटर
= 30.1 सेंटीमीटर
उत्तर- चलती हुई साइकिल के पहिए तथा छत के पंखे की गतियों में यह समानता है। कि दोनों वस्तुएं वर्तुल गति करती हैं। परंतु साइकिल का पहिया इसके साथ ही में सरल रेखीय गति भी करता है।
उत्तर- लचीले (प्रत्यास्थ) मापन फीते को खींचने की दर प्रति व्यक्ति भिन्न-भिन्न हो सकती है। इसलिए इससे मापन सही नहीं होगा।
दीर्घ उतरात्मक प्रश्न
उत्तर- प्राचीन काल में लोगों के पास यातायात के कोई साधन नहीं थे। वे पैदल चलते थे तथा अपना सामान या तो अपनी पीठ पर अथवा कुछ पशुओं की पीठ पर लादकर ले जाते थे।
प्राचीन काल में जल मार्गों के अनुदिश परिवहन के लिए नावों का उपयोग किया जाता था। आरंभ में उन लकड़ी के लट्ठों से जिनमें खोखली गुहिका बनाई जा सके, नावें बनाई जाती थीं। इसके पश्चात् लोगों ने लकड़ी के विभिन्न टुकड़ों को आपस में जोड़कर नाव की आकृति बनाना सीख लिया। ये नावें जल में रहने वाले जीवों की आकृतियों के सदृश थीं। पहिए के आविष्कार ने यातायात की प्रणाली में अत्यंत महत्त्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं।
गत हजारों वर्षों में पहिए के डिजाइन में सुधार किए गए हैं। पहियों पर चलने वाले वाहनों को खींचने के लिए पशुओं का उपयोग किया जाता था।
उन्नीसवीं शताब्दी के प्रारंभ तक भी लोग एक स्थान से दूसरे स्थान तक परिवहन के लिए पशु शक्ति पर निर्भर करते थे। वाष्प इंजन के आविष्कार से एक नए शक्ति-स्रोत का समावेश हुआ। वाष्प इंजन से चालित सवारी-गाड़ियों तथा माल-गाड़ियों के डिब्बों के लिए रेल की पटरियों का निर्माण किया गया। इसके पश्चात् स्वचालित वाहन आए। जल पर परिवहन के साधन के रूप में मोटर से चलने वाली नाव और जहाज़ों का उपयोग होने लगा। उन्नीसवीं शताब्दी के प्रारंभ के वर्षों में वायुयान का विकास हुआ जिनमें बाद में सुधार किए गए और इन्हें यात्री तथा समान ले जाने योग्य बनाया गया। विद्युत् रेलगाड़ी, एकल-रेल (एक पटरी रेल), पराध्वनिक (सुपरसोनिक) वायुयान तथा अंतरिक्ष यान बीसवीं शताब्दी के कुछ योगदान हैं। चित्र में परिवहन के विभिन्न साधन दर्शाए गए हैं।
उत्तर- डोरी से डेस्क की लंबाई मापना-एक मोटी डोरी लें और इस पर दो चिह्न लगाएँ। यह डोरी की एक लंबाई होगी। डेस्क की चौड़ाई डोरी की लंबाई के पदों में माप सकते हैं। इस डोरी को उपयोग डोरी की लंबाई से कम दूरियों को मापने में इस प्रकार कर सकते हैं-डोरी को मोड़ कर “डोरी की लंबाई” को आधा (1/2), एक चौथाई (1/4) तथा आठवें भाग (1/8) का कर सकते हैं। अब संभवतः डेस्क की यथार्थ लंबाई इस डोरी की सहायता से माप सकते हैं।
उत्तर- ऐसे अनेक अवसर आते हैं जब हमें लंबाई अथवा दूरियाँ मापने की आवश्यकता होती है। दर्जी कपड़े की लंबाई यह जानने के लिए मापता है कि वह कपड़ा कुर्ता बनाने के लिए पर्याप्त है अथवा नहीं। बढ़ई किसी अलमारी की लंबाई तथा चौड़ाई इसलिए मापता है ताकि वह यह जान सके कि इस अलमारी के दरवाजे को बनाने के लिए कितनी लकड़ी की आवश्यकता होगी। किसी किसान को अपने खेत की लंबाई तथा चौड़ाई अथवा उसके क्षेत्रफल जानने की इसलिए आवश्यकता होती है ताकि वह यह जान जाए कि वह अपने खेत में कितने बीज बो सकता है तथा उसे अपनी फसल के लिए कितने जल की आवश्यकता होगी।
उत्तर- प्राचीन काल में पैर की लंबाई, अंगुली की चौड़ाई तथा एक कदम की दूरी, इन सभी मापों का मात्रक के रूप में सामान्य उपयोग होता था।
हड़प्पा सभ्यता के लोगों ने अवश्य ही लंबाई के बहुत अच्छे मापन का उपयोग किया होगा, क्योंकि यह खनन में प्राप्त परिशुद्ध ज्यामितीय रचनाओं को देखने से प्रमाणित होता
कोहनी से अंगुली के छोर तक की लंबाई जिसे हाथ कहते हैं लंबाई के मात्रक के रूप में प्राचीन मिस्र में उपयोग किया जाता था। इसे संसार के अन्य भागों में भी मान्यता प्राप्त थी। | संसार के विभिन्न भागों में लोग लंबाई के मात्रक के रूप में ”फुट” का उपयोग भी करते थे। अलग-अलग क्षेत्रों में फुट की लंबाई थोड़ी भिन्न थी।
लोग एक गज़ कपड़ा फैली बाँह के सिरे से अपने ठोड़ी तक मापते थे। रोमवासी अपने पग अथवा कदमों से लंबाई मापते थे। . प्राचीन भारत में छोटी लंबाइयों को मापने के लिए अंगुल अथवा मुट्ठी का उपयोग किया जाता था। आज भी भारत के कई शहरों में हम पुष्प विक्रेताओं को पुष्प हारों को बेचते समय अपनी भुजाओं का उपयोग लंबाई के मात्रक के रूप में करते हुए देख सकते हैं। सुविधानुसार शरीर के ऐसे बहुत से भागों का मात्रकों के रूप में उपयोग होता रहा है।
तथापि प्रत्येक व्यक्ति के शरीर की आमापों में थोड़ी भिन्नता हो सकती है। शायद इसी कारण भी मापन में उलझनें आई होंगी। वर्ष 1970 में, फ्रांसीसियों ने मापन की एक मानक प्रणाली की रचना की जिसे ‘मीटरी पद्धति’ कहते हैं।
उत्तर- आवर्ती गति- वह गति जो एक निश्चित समय अंतराल के बाद अपनी ग को दोहराती है, उसे आवर्ती गति कहते हैं। लोलक की गति, वृक्ष की शाखाओं का इधर-उधर लहराना, झूला झूलते बच्चे की गरि सितार की डोरियों की गति, बजते समय ढोल (अथवा तबला) के पृष्ठ की गति ये स आवर्ती गति के उदाहरण हैं जिनमें वस्तुएं एक निश्चित समय अंतराल के बाद अपनी ग को दोहराती हैं।
उत्तर- विभिन्न प्रकार की गतियां
(i) रेखीय गति, (ii) वृत्ताकार गति, (iii) दोलन गति, (iv) आवर्ती गति, (v) अनियमित गति।
(i) रेखीय गति- (क) किसी बंदूक से छोड़ी गई गोली की गति ।
(ख) वृक्ष से गिर रहे फल की गति। .
(ii) वृत्ताकार गति- (क) चंद्रमा का पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करना।
(ख) वृत्ताकार झूले में बैठे हुए बच्चे की गति।
(iii) दोलन गति- (क) घड़ी के पेंडुलम की गति।
(ख) झूले की गति।
(iv) आवर्ती गति- (क) दिल की धड़कन की गति।
(ख) सूर्य के इर्द-गिर्द पृथ्वी की गति।
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NCERT Solutions In Hindi Class 6 Chapter Wise
- Chapter 1: भोजन : यह कहाँ से आता है
- Chapter 2: भोजन के घटक
- Chapter 3: तंतु से वस्त्र तक
- Chapter 4: वस्तुओं के समूह बनाना
- Chapter 5: पदार्थों का पृथक्करण
- Chapter 6: हमारे चारो ओर के परिवर्तन
- Chapter 7: पौधो को जानिए
- Chapter 8: शरीर में गति
- Chapter 9: सजीव एवं उनका परिवेश
- Chapter 10: गति एवं दूरियों का मापन
- Chapter 11: प्रकाश – छायाएं एवं परिवर्तन
- Chapter 12: विद्युत् तथा परिपथ
- Chapter 13: चुंबको द्वारा मनोरंजन
- Chapter 14: जल
- Chapter 15: हमारे चारो ओर वायु
- Chapter 16: कचरा- संग्रहण एवं निपटान