विज्ञान

Class 10th Science Chapter 11 मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार

प्रश्न 6. किसी निकट-दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्ति का दूर बिंदु नेत्र के सामने 80 cm दूरी पर है। इस दोष को संशोधित करने के लिए आवश्यक लैंस की प्रकृति तथा क्षमता क्या होगी ?
उत्तर- निकट दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्ति के सामने वस्तु अनंत पर होनी चाहिए

u = – ∞
v = – 80 cm

लेंस सूत्र

ऋणात्मक चिह्न स्पष्ट करता है कि लैंस अवतल होगा।

प्रश्न 7. चित्र बना कर दर्शाइए कि दीर्घ-दृष्टि दोष कैसे संशोधित किया जाता है। एक दीर्घ दृष्टि दोषयुक्त नेत्र का निकट बिंदु 1 m है। इस दोष को संशोधित करने के लिए आवश्यक लैंस की क्षमता क्या होगी ? यह मान लीजिए कि सामान्य नेत्र का निकट बिंदु 25 cm है। |
उत्तर– दीर्घ-दृष्टि रोग के संशोधन के लिए उचित क्षमता का उत्तल लैंस प्रयुक्त किया जाएगा।

u = – 25 cm

v = – 100 cm

लैंस सूत्र से

प्रश्न 8. सामान्य नेत्र 25 cm से निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट क्यों नहीं देख पाते ?
उत्तर- 25 सेंटीमीटर से कम की दूरी पर ऑब्जेक्ट को रेटिना पर फ़ोकस नहीं किया जा सकता है ,जिससे आँखों पर तनाव बढ़ता है और वस्तु धुंधली दिखाई देती है।

इसलिए सामान्य नेत्र 25 cm से निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट नहीं देख पाते।

प्रश्न 9. जब हम नेत्र से किसी वस्तु की दूरी को बढ़ा देते हैं तो नेत्र की प्रतिबिंब दूरी का क्या होता है ?
उत्तर- जब हम नेत्र से किसी वस्तु की दूरी को बढ़ा देते हैं तो नेत्र के समंजन गुण के कारण रेटिना पर वस्तुओं के बिंब भिन्न-भिन्न स्थानों पर बनते हैं इसलिए नेत्र की प्रतिबिंब दूरी समान रहती है।
प्रश्न 10. तारे क्यों टिमटिमाते हैं ?
उत्तर-  तारे हमारे नेत्रों वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण टिमटिमाते दिखाई देते है। पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के पश्चात पृथ्वी के पृष्ठ पर पहुंचने तक तारे का प्रकाश निरंतर अपवर्तित होता जाता है। वायुमंडलीय अपवर्तन उसी माध्यम मैं होता है जिसका क्रमिक परवर्ती अपवर्तनांक हो क्योंकि वायुमंडल तारे के प्रकाश को अभिलंब की ओर झुका देता है,इसलिए तारे की आभासी स्थिति उसकी वास्तविक स्थिति से कुछ भिन्न होती है।

तारे की यह आभासी स्थिति भी स्थायी न होकर धीरे-धीरे थोड़ी बदलती भी रहती है क्योंकि पृथ्वी के वायुमंडल की भौतिक अवस्थाएं भी बदलती रहती हैं। आँखों में प्रवेश करने वाले तारों के प्रकाश की मात्रा झिलमिलाती रहती है जिसके कारण तारे टिमटिमाते प्रतीत होते हैं।

प्रश्न 11. व्याख्या कीजिए कि ग्रह क्यों नहीं टिमटिमाते ?
उत्तर-  तारों की अपेक्षा ग्रह हमारी पृथ्वी के बहुत नजदीक हैं। इसलिए उन्हें विस्तृत स्रोतों के रूप में माना जाता है।  यदि ग्रह को बिंदु आकार के अनेक प्रकाश स्रोतों का संग्रह मान ले तो उन सभी से हमारे नेत्रों में प्रवेश करने वाली प्रकाश की मात्रा में कुल परिवर्तन का औसत मान शून्य होगा जिस कारण वे टिमटिमाते नहीं हैं।
प्रश्न 12. सूर्योदय के समय सूर्य रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है ?

उत्तर-  सूर्योदय के समय सूर्य क्षितिज के निकट होता है। सूर्य की किरणों को हम तक पहुँचने के लिए वातावरणीय मोटी परतों से गुजर कर पहुँचना पड़ता है। नीले और कम तरंगदैर्घ्य के प्रकाश का अधिकांश भाग वहाँ उपस्थित कणों के द्वारा प्रकीर्णित कर दिया जाता है। हमारी आँखों तक पहुँचने वाला प्रकाश अधिक तरंगदैर्घ्य का होता है। इसलिए सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है।

प्रश्न 13. किसी अंतरिक्ष यात्री को आकाश नीले की अपेक्षा काला क्यों प्रतीत होता है ?
उत्तर-अंतरिक्ष यात्री आकाश में उस ऊँचाई पर होते हैं जहां वायुमंडल नहीं होता और न ही वहाँ कोई प्रकीर्णन हो पाता है इसलिए उन्हें आकाश नीला नहीं बल्कि काला प्रतीत होता है।

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