Mock Test

UP TGT Sanskrit की परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रत्यक्ष का लक्षण है
(A) असाक्षात्कारिप्रमाकरणं प्रत्यक्षम्।
(B) साक्षात्कारिप्रमाकरणं प्रत्यक्षम्।
(C) इन्द्रियजं प्रत्यक्षम्।
(D) यद् दृश्यते तत् प्रत्यक्षम्।
Answer
साक्षात्कारिप्रमाकरणं प्रत्यक्षम्।
रसनावृत्ति का उल्लेख किया है I
(A) आचार्य विश्वनाथ ने
(B) आचार्य मम्मट ने
(C) आचार्य आनन्दवर्धन
(D) आचार्य भामह ने
Answer
आचार्य विश्वनाथ ने
‘क्रोशेन अनुवाक्रोऽधीतः’ में तृतीया विभक्ति का प्रयोग किया गया है I
(A) ‘सहयुक्तेऽप्रधाने सूत्र’ से
(B) ‘इत्थक्भूत लक्षणे सूत्र’ से
(C) ‘प्रकृत्यादिभ्य उपसंख्यातम् सूत्र’ से
(D) ‘अपवर्गे तृतीया सूत्र’ से
Answer
‘अपवर्गे तृतीया सूत्र’ से
‘अनुर्लक्षणे’ सूत्र विधायक है
(A) कर्मप्रवर्चनीय संज्ञा का
(B) उपसर्ग संज्ञा का
(C) गति संज्ञा का
(D) निपात संज्ञा का
Answer
कर्मप्रवर्चनीय संज्ञा का
भाषा विज्ञान में अग्रस्वरों के उच्चारण में जिह्वा की चार कोटियों में कौन नहीं है
(A) उच्च
(B) उच्च मध्य
(C) निम्न मध्य
(D) निम्नोच्च
Answer
निम्नोच्च
‘काव्य रस का कार्य नहीं है’ इसको प्रमाणित करने हेतु कौन-सा कथन सत्य है
(A) रस विभावानुभाव्यभिचारि भावों से निष्पन्न होता है।
(B) लौकिक कारणों के समान ही रस का कारण कहे गये है।
(C) विभावादि के नाश होने पर रस की स्थिति नहीं रहती है।
(D) सहृदयों के हृदय में रस पहले से ही विद्यमान रहता है।
Answer
विभावादि के नाश होने पर रस की स्थिति नहीं रहती है।
समस्त वस्तु विषयक तथा एक देशविवर्त्ति में भेद हैं
(A) उपमालंकार के
(B) उत्प्रेक्षालंकार के
(C) सांगरूपक के
(D) तिरंगरूपक के
Answer
सांगरूपक के
सांख्यदर्शन में कहा गया है
(A) अद्वैतवादी
(B) द्वैताद्वैतावादी
(C) चैतवादी
(D) द्वैतवादी
Answer
द्वैतवादी
क्री धातु से लट्लकार प्रथम पुरुष एकवचन में रूप बनता है
(A) ऋष्यति
(B) क्रीणाति
(C) ऋषोष्ट
(D) क्रीणीतः
Answer
क्रीणाति
‘क्वचद्विधैरप्यपथेन गम्यते’ सूक्ति का स्रोत है
(A) कुमारसम्भवम्
(B) मृच्छकटिकम्
(C) नैषधीयचरितम्
(D) महावीरचरितम्
Answer
नैषधीयचरितम्
न्यायदर्शन के अनुसार कारण का लक्षण है
(A) अन्यथासिद्ध नियत पूर्वभावित्व।
(B) अनन्यथासिद्ध नियत पूर्व भावित्व।
(C) अन्यथासिद्ध नियत पश्चाद्भावित्व।
(D) अनन्यथासिद्ध नियत पश्चाद्भावित्व।
Answer
अन्यथासिद्ध नियत पूर्वभावित्व।
आचार्यों ने व्यभिचारी भावों की संख्या स्वीकृत की है
(A) दश
(B) त्रयस्त्रिशत्
(C) एकविंशति
(D) सप्तदश
Answer
त्रयस्त्रिशत्
‘पुष्पा स्वलेखन्या पत्रं लिखति’ वाक्य का वाच्य परिवर्तन होगा-
(A) पुष्पा स्वलेखनी पत्रं लिखति।
(B) पुष्पया स्वलेखन्या पत्रं लिख्यते।
(C) पुष्पया स्वलेखन्या पत्रेण लिख्यते।
(D) पत्रेण पुष्पा स्वलेखन्या लिख्यते।
Answer
पुष्पया स्वलेखन्या पत्रं लिख्यते।
नाटक में किसी पात्र के द्वारा मुँह फेरकर दूसरे व्यक्ति से रहस्यात्मक बात कही जाती है, उसे कहते हैं
(A) जनान्तिक
(B) आकाशभाषित
(C) अपवारित
(D) अंकास्य
Answer
अपवारित
‘आभा पुष्पं जिघ्रति’ का हिन्दी अनुवाद होगा-
(A) आभा फूल खाती है।
(B) आभा फूल से नफरत करती है।
(C) आभा पुष्प पसन्द करती है।
(D) आभा फूल सूंघती है।
Answer
आभा फूल सूंघती है।
अविवक्षितवाच्य तथा विवक्षितान्य परवाच्य भेद हैं
(A) अभिधा के
(B) लक्षणा के
(C) ध्वनि के
(D) तात्पर्या के
Answer
ध्वनि के
काव्य की आत्मा को ध्वनि मानने वाले आचार्य हैं
(A) आनन्दवर्धन
(B) क्षेमेन्द्र
(C) भामह
(D) वामन
Answer
आनन्दवर्धन
आचार्य मम्मट के अनुसार काव्य का लक्षण है
(A) रमणीयार्थप्रतिपादकः शब्दः काव्यम्।
(B) तद्दोषौ शब्दार्थो सगुणावनलंकृती पुनः क्वापि।
(C) वाक्यं रसात्मकं काव्यम्।
(D) शब्दार्थो सहितो काव्यम।
Answer
तद्दोषौ शब्दार्थो सगुणावनलंकृती पुनः क्वापि।
‘एधनीयम्’ पद में प्रत्यय है
(A) ईय
(B) अनीयट
(C) तव्यत्
(D) ढक्
Answer
अनीयट
‘मृच्छकटिकम्’ के सम्बन्ध में अधोलिखित कथन सत्य है
(A) ‘मृच्छकटिकम्’ केवल प्राकृत भाषा में लिखा गया है।
(B) ‘मृच्छकटिकम्’ एक नाटक है।
(C) ‘मृच्छकटिकम्’ में केवल पद्यों का प्रयोग है।
(D) ‘मृच्छकटिकम्’ एक प्रकरण है।
Answer
‘मृच्छकटिकम्’ एक प्रकरण है।

अधोलिखित गद्यांश पठित्वा प्रश्नानामुत्तराणां उपयुक्तविकल्पस्य चयनं कुरुत
महाभारते व्यास: धर्मम् शारवतम् अकथयम्, अत: नरेण लोभावशात् भयवशात् च धर्मस्य परित्यागः कदापि न करणीयः। महाभारतं वस्तुतः कौरव-पाण्डवयोः युद्धस्य वर्णनमेव चित्रयति। प्रत्येकस्य वीरस्य वीरगाथां कथारूपेण वर्णयति। योगिराजकृष्णस्य सारथित्वे अर्जुन: एकाकी एव अनेकान् जयति। महाभारतस्य एक: अंशः गीतानाम्ना विश्व प्रसिद्धः।

‘कृष्णस्य’ अत्रः कीदृशः शब्दः?
(A) अकारान्त
(B) आकारान्त
(C) ऋकारान्त
(D) उपकारान्त
Answer
अकारान्त
‘अकथयत्’ अत्र कः धातु?
(A) अकथ
(B) कथ्
(C) अकथ्
(D) कथ
Answer
अकथ्
‘वीरगाथा’ अत्र कारकं किम्?
(A) सम्प्रदानकारकम्
(B) करणकारकम्
(C) कर्मकारकम्
(D) अपादानकारकम्
Answer
सम्प्रदानकारकम्
‘गीतानाम्ना’ अत्र का विभक्तिः?
(A) प्रथमा
(B) द्वितीया
(C) चतुर्थी
(D) तृतीया
Answer
चतुर्थी
‘करणीयः’ अत्र कः प्रत्ययः?
(A) अनीयर्
(B) ण्यत्
(C) तव्यत्
(D) शतृ
Answer
तव्यत्
‘प्रत्येकस्य’ अत्र कः सन्धिः ?
(A) गुण
(B) यण्
(C) अयादि
(D) दीर्घः
Answer
दीर्घः

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