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Class 9th Science Chapter 11. कार्य तथा ऊर्जा

Class 9th Science Chapter 11. कार्य तथा ऊर्जा

NCERT Solutions for Class 9th Science chapter- 11.कार्य तथा ऊर्जा – जो उम्मीदवार नौवीं कक्षा में पढ़ रहे है उन्हें कार्य तथा ऊर्जा के बारे में पता होना बहुत जरूरी है .कार्य तथा ऊर्जा 9th कक्षा के विज्ञान के अंतर्गत आता है. इसके बारे में 9th कक्षा के एग्जाम में काफी प्रश्न पूछे जाते है .इसलिए यहां पर हमने एनसीईआरटी कक्षा 9th विज्ञान अध्याय 11 (कार्य तथा ऊर्जा ) का सलूशन दिया गया है .इस NCERT Solutions For Class 9 Science Chapter 11. Work and Energy की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. इसलिए आप Ch.11 कार्य तथा ऊर्जा  के प्रश्न उत्तरों ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे.

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न (Textual Questions)

प्रश्न 1. किसी वस्तु पर 7N का बल लगता है। मान लीजिए कि दिशा में विस्थापन 8 m है। मान लीजिए कि वस्तु के विस्थापन के समय लगातार वस्तु पर बल लगता रहता है। इस स्थिति में किया गया कार्य कितना होगा ?

उत्तर-  F = 7 M
S = 8 m
W = ?
W = Fx S
W = 7 N X 8 m = 56 Nm

या   W = 56 J

प्रश्न 2. हम कब कहते हैं कि कार्य किया गया है ?

उत्तर- यदि किसी वस्तु पर बल लगाया जाए और बल की दिशा में वस्तु गति करे तो हम कहते हैं कि कार्य किया गया है।

कार्य (W) = बल (F) x विस्थापन (S)

प्रश्न 3. जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो किए गए कार्य का व्यंजक लिखिए।

उत्तर- कार्य को बल दिशा में वस्तु द्वारा चली गई दूरी के गुणनफल से मापा जाता है।

किया गया कार्य = बल x बल की दिशा में तय की गई दूरी

W = F x S

कार्य एक सदिश राशि है और इसकी इकाई न्यूटन मीटर (NM) या जूल है।

प्रश्न 4.1 J कार्य को परिभाषित कीजिए।

उत्तर- यदि एक वस्तु पर 1 न्यूटन बल लगाने पर वस्तु बल की दिशा में एक मीटर विस्थापित हो तो इस प्रकार किया गया कार्य एक जूल होगा।

1 J = 1N x 1m

 प्रश्न 5. बैलों की एक जोड़ी खेत जोतते समय किसी हल पर 140 N बल लगाती है। जोता गया खेत 125 M लंबा है। खेत की लंबाई को जोतने में कितना कार्य किया गया है?

हल : लगाया गया बल F = 140 N

जोते गए खेत की लंबाई S = 15 M

W = F x S

= 140 N x 15 M

= 2100 Nm = 2100 J

प्रश्न 6. किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा क्या होती है ?

उत्तर- किसी वस्तु में उसकी गति के कारण उत्पन्न ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते हैं।

उदाहरण- (I) बहते पानी में गतिज ऊर्जा होती है।
(II) चलती हवा में गतिज ऊर्जा होती है।
(III) घूमते हुए पहिए, उड़ते हुए हवाई जहाज और लुढ़कते हुए पत्थर में गतिज ऊर्जा होती है।

प्रश्न 7. किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक लिखिए।

उत्तर- m द्रव्यमान की तथा एक समान वेग v से गतिशील वस्तु की गतिज ऊर्जा का मान

Ek= 1/2 mv2

प्रश्न 8. 5 ms-1 के वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 25 J है। यदि इस वेग को दोगुना कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी ? यदि इसके वेग को तीन गुना बढ़ा दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी ?

हल : (i)   वेग, v = 5 ms-1
वस्तु का द्रव्यमान = m
गतिज ऊर्जा = 25 J

m = 2 kg.

(ii) जब वेग दुगुना हो

V1 = 10 m/s

=100 J

.:. वेग दो गुना होने पर गतिज ऊर्जा 100 J हो जाएगी।

(iii) जब वेग तीन गुना हो

V2 = 15 m/s

Ek = (15)2 = 225 J

.:. वेग तीन गुना होने पर गतिज ऊर्जा 225 J हो जाएगी।

प्रश्न 9. शक्ति क्या है ?

उत्तर- जिस दर से ऊर्जा को उत्पन्न या खर्च किया जाए उसे शक्ति कहते हैं। इसे ‘P’ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।

प्रश्न 10. 1 वाट शक्ति को परिभाषित कीजिए।

उत्तर- यदि किसी स्रोत द्वारा एक सेकंड में एक जूल ऊर्जा उपलब्ध या खर्च की जाए तो इस स्रोत को एक वाट शक्ति कहते हैं।

प्रश्न 11. एक लैंप 1000 J विद्युत् ऊर्जा 10 s में व्यय करता है। इसकी शक्ति कितनी है ?

हल- 10 s में लैंप द्वारा व्यय ऊर्जा = 1000 J

1 s में व्यय ऊर्जा = 1000/10 J =100 J

शक्ति = 100 J/10s

= 100 जूल/सैकेंड

= 100 वाट

प्रश्न 12. औसत शक्ति को परिभाषित कीजिए।

उत्तर- कुल उपयोग हुई ऊर्जा और कुल समय के अनुपात को औसत शक्ति कहते हैं।

प्रश्न 13. एक पतली तथा मज़बूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों?

उत्तर- यदि स्कूल बैग एक पतली और मज़बूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से उठाया जाए तो प्रणोद के कारण यह कार्य अति कठिन होगा, स्कूल बैग हाथ या कंधे पर लंबवत् और अपेक्षाकृत छोटे क्षेत्रफल पर प्रभाव डालेगा जो कष्टकारी होगा।

प्रश्न 14. उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- जब किसी वस्तु को पानी में डुबोते हैं तो उस पर पानी दवारा ऊपर की ओर लगाया जाने वाला बल उत्प्लावकता कहलाता है।

प्रश्न 15. पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है?

उत्तर- (i) यदि पानी की सतह पर रखी गई वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से कम होगा तो वह वस्तु तैरती रहेगी।
(ii) यदि पानी की सतह पर रखी गई वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक होगा तो वस्तु डूब जाएगी।
(iii) यदि वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व के बराबर होगा तो वस्तु बीचो-बीच तैरती रहेगी।

प्रश्न 16. एक तुला (weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं। क्या आप का द्रव्यमान 42 kg से अधिक है या कम?

उत्तर- हमारा द्रव्यमान 42 kg से कम होगा क्योंकि इसमें वायु का उत्पलावन बल भी जुड़ा हुआ है।

W ∝ m

प्रश्न 17. आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100 kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक-दूसरे से भारी हैं। क्या आप बता सकते हैं कि कौन-सा भारी है और क्यों?

उत्तर- रुई के बोरे पर वायु का उत्प्लावन बल उसके अधिक आयतन के कारण लोहे की अपेक्षा अधिक होगा इसलिए वह वास्तव में लोहे से अधिक भारी होगा।

अभ्यास के प्रश्न

प्रश्न 1. निम्न सूची बद्ध क्रिया-कलापों को ध्यान से देखिए। अपनी कार्य शब्द की व्याख्या के आधार पर तर्क दीजिए कि इनमें कार्य हो रहा है अथवा नहीं।
• सूमा एक तालाब में तैर रही है|
• एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझा उठा रखा है|
• एक पवन चक्की (विंड मिल) कुएँ से पानी उठा रही है|
• एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है|
• एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है|
• अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं|
• एक पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है|

उत्तर – सूमा एक तालाब में तैर रही है-सूमा कार्य कर रही है क्योंकि वह पानी में उसके हाथ-पैर की गति से बल लगाकर अपने शरीर को विस्थापित कर लेती है

एक पवन चक्की (विंड मिल) कुएं से पानी उठा रही है– पवन चक्की कुएँ के पानी को अपने स्थान से बल लगा कर विस्थापित कर रही है। इसलिए काम हो रहा है।

एक हरे पौधे से प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है-इस अवस्था में काम नहीं हो रहा क्योंकि विस्थापन शून्य है। * एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है-इंजन बल की दिशा में ट्रेन का विस्थापित कर रहा है। इसलिए कार्य हो रहा है।

अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं– अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं और इसमें विस्थापन शून्य है अतः कार्य नहीं हो रहा है।

एक पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है- पवन के कारण नाव उसी दिशा में विस्थापित हो रही है जिस दिशा में हवा उसे धकेल रही है। इसलिए कार्य हो रहा है।

प्रश्न 2. एक पिंड को धरती से किसी कोण पर फेंका जाता है। यह एक वक्र पथ पर चलता है और वापिस धरती पर आ गिरता है। पिंड के पथ के प्रारंभिक तथा अंतिम बिंदु एक ही क्षैतिज रेखा पर स्थित हैं। पिंड और गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया गया ?

उत्तर- जब पिंड को किसी कोण को फेंका जाता है तो वह वृत्तीय पथ में गति कर धरती से वापिस आ टकराता है।इसलिए उसके द्वारा शून्य कार्य किया गया क्योंकि बल सदा विस्थापन की दिशा में समकोण पर कार्य करता है।

प्रश्न 3. एक बैटरी बल्ब जलाती है। इस प्रक्रम में होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों का वर्णन कीजिए ।

उत्तर- बैटरी में रासायनिक क्रिया होती है जिससे रासायनिक ऊर्जा विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित होती है। विद्युत् ऊर्जा बल्ब को जलाकर प्रकाश ऊर्जा और ऊष्मा ऊर्जा में रूपांतरित हो जाती है।

प्रश्न 4. 20 kg द्रव्यमान पर लगने वाला कोई बल इसके वेग को 5 ms-1 से 2 ms-1 में परिवर्तित कर देता । है। बल द्वारा किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।

हल : द्रव्यमान = 20 kg
प्रारंभिक वेग, u = 5 ms-1
अंतिम वेग, v = 2 ms-1

वस्तु की प्रारंभिक गतिज ऊर्जा,

= 10 X 25 = 250 J

वस्तु की अंतिम गतिज ऊर्जा,

= 10 X 4 = 40 J

अतः किया गया कार्य = गतिज ऊर्जा में परिवर्तन = 40 – 250 = – 210 J

प्रश्न 5. 10 kg द्रव्यमान का एक पिंड मेज़ पर A बिंदु पर रखा है। इसे B बिंदु तक लाया जाता है। यदि A तथा B को मिलाने वाली रेखा क्षैतिज है तो बिंदु पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा ? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।

उत्तर- गुरुत्वाकर्षण बल के द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा। 10 kg का द्रव्यमान को बिंदु A से बिंदु B तक क्षैतिज दिशा में विस्थापित किया गया है पर गुरुत्वाकर्षण बल इस पर लंबाकार है। इसलिए गुरुत्वाकर्षण बल और विस्थापन की दिशा में समकोण बनेगा अतः गुरुत्वाकर्षण बल के द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा।

W = mgh
= 10 x 9.8 x 0
= 0

अतः पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा।

प्रश्न 6. मुक्त रूप से गिरते एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है। क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन करती है? कारण बताइए।

उत्तर- मुक्त रूप से गिरते एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती है। यह ऊर्जा संरक्षण के नियम के अनुसार ही है। ऊर्जा एक रूप से दूसरे रूप में रूपांतरित होती है। रूपांतरण से पहले और रूपांतरण के बाद कुल ऊर्जा सदा अचर रहती है।

यदि m द्रव्यमान की एक वस्तु h ऊँचाई से स्वतंत्रतापूर्वक नीचे गिरती है तो उसकी स्थितिज ऊर्जा mgh है तथा गतिज ऊर्जा शून्य है क्योंकि इसका प्रारंभिक वेग शून्य है। जब वस्तु गिरती है तो इसकी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदलती है। यदि किसी दिए

हुए क्षण पर वस्तु का वेग v है तो गतिज ऊर्जा 1/2 mv2 होगी। वस्तु जैसे-जैसे गिरती जाएगी वैसे-वैसे इसकी स्थितिज ऊर्जा कम होती जाएगी तथा गतिज ऊर्जा बढ़ती जाएगी। जब वस्तु पृथ्वी तल पर पहुँचने वाली होगी तो h = 0 होगा तथा वस्तु का अंतिम वेग ) अधिकतम हो जाएगा। इसलिए अब गतिज ऊर्जा अधिकतम तथा स्थितिज ऊर्जा न्यूनतम होगी पर फिर भी सभी बिंदुओं पर वस्तु की स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा का योग समान रहेगा–

स्थितिज ऊर्जा + गतिज ऊर्जा = अचर

या mgh + 1\2 m2 = अचर

किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा का योग उसकी कुल यांत्रिक ऊर्जा है। किसी पिंड के मुक्त रूप से गिरते समय इसके पथ में किसी बिंदु पर स्थितिज ऊर्जा की जितनी कमी होती है गतिज ऊर्जा की उतनी ही वृद्धि हो जाती है। गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा का गतिज ऊर्जा में रूपांतरण होता है।

प्रश्न 7. जब आप साइकिल चलाते हैं तो कौन-कौन से ऊर्जा रूपांतरण होते हैं ?

उत्तर- साइकिल चलाने पर शरीर की पेशीय ऊर्जा गतिज ऊर्जा में रूपांतरित हो जाती है। गतिज ऊर्जा घर्षण के विरुद्ध कार्य करने में व्यय हो जाती है।

प्रश्न 8. जब आप अपनी सारी शक्ति लगा कर एक बड़ी चट्टान को धकेलना चाहते हैं और उसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो क्या इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण होता है ? आपके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा कहां चली जाती है ?

उत्तर- जब अपनी सारी शक्ति लगा कर भी एक बड़ी चट्टान को धकेलने में हम असफल हो जाते हैं, तो विस्थापन न होने के कारण हम ने कोई कार्य नहीं किया, पर ऊर्जा का स्थानांतरण होता है जो ऊष्मा ऊर्जा में बदल जाता है, जो शरीर में जैव रासायनिक क्रियाएँ कर के पसीने और थकान के रूप में प्रकट होती है।

प्रश्न 9. किसी घर में एक महीने में ऊर्जा की 250 यूनिट व्यय हुई ? यह ऊर्जा जूल में कितनी होगी ?

हल : कुल व्यय यूनिट = 250

1 kWh = 3.6 × 106 J

250 k wh = 3.6 x 106 J x 250

= 9×108 J

प्रश्न 10. 40 kg द्रव्यमान का एक पिंड धरती से 5m की ऊँचाई तक उठाया जाता है। इसकी स्थितिज ऊर्जा कितनी है ? यदि पिंड को मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो पिंड ठीक आधे रास्ते पर है। उस समय इसकी गतिज ऊर्जा का परिकलन कीजिए। (g = 10 ms–2)

हुल : m = 40 kg
g = 10 ms–2
h = 5m
स्थितिज ऊर्जा,Ep = mgh
= 40 x 10 x 5
= 2000 J

अब
u = 0
h = 2.5m
g = 10 ms–2

v2 – u2 = 2 gh

v2 – 0 = 2 X 10 X 2.5

v2 = 50

= 20 X 50 J

= 1000 J

प्रश्न 11. पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल कितना कार्य किया जाएगा ? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।

उत्तर- पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल पर शून्य कार्य किया जाएगा क्योंकि बल गति की दिशा पर लंबवत होता है।

प्रश्न 12. क्या किसी पिंड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में इसका विस्थापन हो सकता है ? सोचिए। इस प्रश्न के बारे में अपने मित्रों तथा अध्यापकों से विचार-विमर्श कीजिए।

उत्तर- किसी पिंड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में इसका विस्थापन हो सकता है। यदि पिंड समवेग से पहले ही चला रहा हो तो किसी बल की अनुपस्थिति में यह पूर्ववत उसी वेग से चलता रहेगा। अतः इसका विस्थापन संभव है।
यदि पिंड विरामावस्था में है तो किसी बल की अनुपस्थिति में इसका विस्थापन संभव नहीं है।

प्रश्न 13. कोई मनुष्य भूसे के एक गट्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहता है और थक जाता है। क्या उसने कुछ कार्य किया या नहीं ? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।

उत्तर- कोई मनुष्य भूसे के एक गठ्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहता है और थक जाता है पर उस की दिशा में कोई विस्थापन नहीं होता। उसने कोई कार्य नहीं किया।

प्रश्न 14. एक विद्युत्-हीटर (ऊष्पक) की घोषित शक्ति 1500 w है। 10 घंटे में यह कितनी ऊर्जा उपयोग करेगा ?

हल :  शक्ति = 1500 w
समय = 10 घंटे
कुल व्यय ऊर्जा = 1500 x 10 h
= 15000 वाट घंटा
15000/1000 = 15 kwh
= 15 यूनिट।

प्रश्न 15. जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं तो यह दोलन करने लगता है। इसमें होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करते हुए ऊर्जा संरक्षण के नियम को स्पष्ट कीजिए। गोलक कुछ समय पश्चात् विराम अवस्था में क्यों आ जाता है ? अंततः इसकी ऊर्जा का क्या होता है क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन है ?

उत्तर- जब धागे से लटके गोलक (bob) को उसके स्थान से विस्थापित करते हैं तो उसमें स्थितिज ऊर्जा संचित हो जाती है। इसे स्वतंत्र छोड़ देने पर वापिस अपनी स्थिति में लौटने लगता है जिससे गतिज ऊर्जा पुनः स्थितिज ऊर्जा में बदलने लगती है। मध्यमान स्थिति में गतिज ऊर्जा पूरी तरह से स्थितिज ऊर्जा में बदल जाती है। जब यह जड़त्व के कारण मध्यमान स्थिति से दूसरी ओर जाने लगता है तो स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदलने लगती है और अधिकतम विस्थापन की स्थिति में पूरी तरह से गतिज ऊर्जा में बदल जाती है। गोलक के बार-बार इधर-उधर जाने से ऊर्जा रूपांतरण होता रहता है। गोलक कुछ समय के बाद वायु के घर्षण तथा कार्क के द्वारा दिया गया प्रतिरोध बल के कारण विराम अवस्था में आ जाता है। यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन नहीं है। उसकी ऊर्जा घर्षण के विरुद्ध कार्य करने में व्यय हो गई है।

प्रश्न 16. m द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग v से गतिशील है। पिंड पर कितना कार्य करना चाहिए कि यह विराम अवस्था में आ जाए ?

हल : द्रव्यमान = m
वेग = v
E =  1/2 mv2

द्रव्य की आरंभिक गतिज ऊर्जा 1/2 mv2 है। अतः इसे विराम अवस्था में लाने के लिए इतना ही (  1/2 mv2) कार्य करना पड़ेगा।

प्रश्न 17. 1500 kg द्रव्यमान की कार को जो 60 km/h के वेग से चल रही है, रोकने के लिए कार्य का परिकलन कीजिए।

हुल : = 1500 kg

= 60 km/h

v = 0

कार की प्रारंभिक गतिज ऊर्जा ,

= 208333.3 J = 208.33 Kg

प्रश्न 18. निम्न में से प्रत्येक स्थिति में M द्रव्यमान के एक पिंड पर एक बल F लग रहा है। विस्थापन की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर है जो एक लंबे तीर से प्रदर्शित की गई है। चित्रों को ध्यानपूर्वक देखिए और बताइए कि किया गया कार्य ऋणात्मक है, धनात्मक है या शून्य है।

उत्तर- (i) शून्य-क्योंकि बल तथा विस्थापन की दिशा लंबवत् है।
(ii) धनात्मक-क्योंकि बल तथा विस्थापन की दिशा समान है।
(iii) ऋणात्मक-क्योंकि बल तथा विस्थापन की दिशा विपरीत है।

प्रश्न 19. सोनी कहती है कि किसी वस्तु पर त्वरण शून्य हो सकता है चाहे उस पर बल कर रहे हों। क्या आप उससे सहमत हैं ? बताइए क्यों ?

उत्तर- हम सोनी के कथन से सहमत हैं, क्योंकि यदि सभी बलों का कुल योग शून्य हो तो वस्तु का त्वरण शून्य हो सकता है।

प्रश्न 20. चार युक्तियां जिनमें प्रत्येक की शक्ति 500 w है, 10 घंटे तक उपयोग में लाई जाती हैं। इनके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा k wh में परिकलित कीजिए।

हल : एक युक्ति की शक्ति = 500 w
.. 4 युक्तियों की शक्ति = 4 x 500 w = 2000 w
समय = 10 घंटे
प्रयोग की गई ऊर्जा = 2000 x 10
= 20000 वाट घंटा
= 20000/1000 = 20 k wh

प्रश्न 21. मुक्त रूप से गिरता एक पिंड अंततः धरती तक पहुँचने पर रुक जाता है। इसकी गतिज ऊर्जा का माप क्या होता है ?

उत्तर- जब कोई पिंड मुक्त रूप से गिरता हुआ धरती तक पहुँच कर रुक जाता है तो इसकी गतिज ऊर्जा का अन्य प्रकार की ऊर्जाओं में रूपांतरण हो जाता है। इससे ऊष्मा ऊर्जा, ध्वनि ऊर्जा तथा प्रकाश ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है। अंत में वह स्थितिज ऊर्जा में स्थानांतरित हो जाती है।

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