वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था Class 10th Economics Chapter 4. Solution
NCERT Solutions For Class 10th Economics Chapter- 4. वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था – दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों जो अपनी क्लास में सबसे अच्छे अंक पाना चाहता है उनके लिए यहां पर एनसीईआरटी कक्षा 10th इकोनॉमिक्स अध्याय 4 (वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था) के लिए समाधान दिया गया है. इस NCERT Solutions For Class 10th Economics Chapter 4. Globalisation and The Indian Economy की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. अगर आपको यह समाधान फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों को शेयर जरुर करे . हमारी वेबसाइट पर सभी कक्षाओं के सलूशन दिए गए है .
पाठ्यपुस्तक प्रश्नोत्तर
उत्तर- आज पूरी दुनिया की आर्थव्यवस्था जिस प्रकार से आपस में जुड़ी हुई है उस जुड़ाव को वैश्वीकरण कहते हैं। इसे समझने के लिए गूगल का उदाहरण लेते हैं। यह अमेरिका में स्थित है लेकिन इसके उपभोक्ता दुनिया के हर कोने में हैं। आप दिल्ली में हों या देहरादून में, गूगल की मदद से कोई भी सूचना आपको चुटकियों में मिल सकती है। आज इस कंपनी के ऑफिस भारत जैसे कई देशों में हैं। गूगल आज वैश्वीकरण का एक जीता जागता उदाहरण है।
उत्तर- जब भारत आजाद हुआ था तब यह एक गरीब देश था और यहाँ पर निजी पूँजी न के बराबर थी। उस समय स्थानीय उद्योग को संरक्षण की जरूरत थी ताकि वह पनप सके। इसलिए भारत में विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाये गये थे। जब स्थितियों में सुधार हुआ और भारत एक अच्छे बाजार में बदल गया तब सरकार ने अवरोधकों को हटाने का निर्णय लिया।
उत्तर- श्रम कानूनों में लचीलापन कंपनियों को श्रमिकों की संख्या पर नियंत्रण रखने में मदद करेगा। फिर कोई भी कम्पनी श्रमिकों की मौसमी माँग के हिसाब से नियोजन कर सकती है या उन्हें काम से हटा सकती है। कम माँग की स्थिति में किसी भी कम्पनी को अतिरिक्त श्रमिकों को ढ़ोने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे कम्पनियों के मुनाफे में भी सुधार होगा।
उत्तर- बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ दूसरे देशों की स्थानीय कंपनियों के साथ संयुक्त रूप से उत्पादन करती हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश का सामान्य तरीका है स्थानीय कंपनियों को खरीदना, उसके बाद उत्पादन का प्रसार करना। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ एक अन्य तरीके से भी उत्पादन नियंत्रित करती हैं। विकसित देशों में बड़ी बहराष्ट्रीय कंपनियाँ छोटे उत्पादकों को उत्पादन का आदेश देती हैं। वस्त्र, जूते, चप्पल एवं खेल के सामान ऐसे उद्योग हैं जहाँ विश्व भर में बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों द्वारा उत्पादन किया जाता है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों को इन उत्पादों की आपूर्ति कर दी जाती है जो अपने ब्रांड नाम से ग्राहकों को बेचती हैं। इस प्रकार बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ उत्पादन पर नियंत्रण स्थापित करती हैं।
उत्तर-अक्सर विकसित देश की कम्पनियाँ दूसरे देशों में व्यवसाय के लिये अनुकूल माहौल बनाने के लिए अपनी सरकार पर दबाव डालती हैं। उस दबाव में आकर विकसित देश, विकासशील देशों से उनके व्यापार और निवेश का उदारीकरण चाहते हैं। विकासशील देशों को भी ऐसा ही करना चाहिए।
उत्तर- वैश्वीकरण से भारत में व्यापार करने के ढंग में और लोगों के रोजमर्रा के जीवन में बहुत बदलाव हुआ है, लेकिन अभी भी आबादी एक बहुत बड़े भाग तक इसका लाभ नहीं पहुँच पाया है। अमीर लोग और अधिक अमीर हो गये हैं, लेकिन गरीब लोग और अधिक गरीब हो गये हैं। बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा के कारण कई छोटे व्यवसायियों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण कई लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। लेकिन ग्राहकों के पास अब बेहतर विकल्प हैं। इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि वैश्वीकरण का प्रभाव एक समान नहीं है।
उत्तर- व्यापार और निवेश नीतियों के उदारीकरण से वैश्वीकरण प्रक्रिया में बहुत सहायता मिली है। भारत में विदेशी निवेश में जबरदस्त वृद्धि हुई है। कई बड़ी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने भारत में अपना उत्पादन शुरु किया है और अपनी दुकान खोली है। बीपीओ का विस्तार हुआ है जिससे रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हुई है। यह सब उदारीकरण के कारण ही संभव हो पाया है।
उत्तर- विदेश व्यापार से विश्व के विभिन्न बाजार आपस में जुड़ जाते हैं जिससे उनका एकीकरण होता है। इसे समझने के लिए कार का उदाहरण लेते हैं। फोर्ड अमेरिकी कम्पनी है और कार बनाती है। उसके किसी कार का इंजन अमेरिका में बनता है तो सीट बेल्ट भारत में। हेडलाइट चीन में बनता है तो गियर बॉक्स ताइवान में। इस तरह से कार निर्माण के विभिन्न चरण दुनिया के विभिन्न कोनों में होते हैं। उसके बाद तैयार कार कई देशों में बिकती है।
उत्तर- आज से बीस साल बाद हम दुनिया के किसी भी कोने में स्थित कम्पनी को अपना ऑर्डर दे सकते हैं। इंटरने की सुविधा के कारण हम किसी भी उत्पाद को अपने अनुसार फेरबदल करके मंगवा सकते हैं। यातायात के तीव्र साधनों के कारण कोई भी उत्पाद दुनिया के किसी भी कोने तक कम से कम समय में डिलिवर किया जा सकेगा।
उत्तर- मुझे लगता है कि वैश्वीकरण से भारत के विकास में मदद मिली है। मेरे माता पिता बताते हैं मेरे जन्म से पहले टेलिफोन एक विलासिता की वस्तु हुआ करती थी। टेलिफोन कनेक्शन के लिये लोगों को वर्षों इंतजार करना पड़ता था। लोग एक दूसरे का हाल चाल जानने के लिये चिट्ठियों का आदान प्रदान करते थे जिसमें काफी समय लगता था। वैश्वीकरण के कारण भारत में मोबाइल फोन आ सका। मैं तो मोबाइल फोन के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता। मेरे मुहल्ले का सब्जी वाला भी मोबाइल फोन की मदद से अधिक बिजनेस कर पाता है।
दो दशक पहले की तुलना में भारतीय खरीददारों के पास वस्तुओं के अधिक विकल्प हैं। यह
(क)…………’ की प्रक्रिया से नज़दीक से जुड़ा हुआ है। अनेक दूसरे देशों में उत्पादित वस्तुओं को भारत के बाजारों में बेचा जा रहा है। इसका अर्थ है कि अन्य देशों के साथ
(ख) ………..” बढ़ रहा है। इससे भी आगे भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा उत्पादित ब्रांडों की बढ़ती संख्या हम बाजारों में देखते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में निवेश कर रही हैं क्योंकि
(ग)…………. । जबकि बाजार में उपभोक्ताओं के लिए अधिक विकल्प इसलिए बढ़ते हैं (घ)…………” और
(ङ)…………. के प्रभाव का अर्थ है उत्पादकों के बीच अधिकतम (च)………..।
उत्तर- (क) वैश्वीकरण, (ख) सहयोग,(ग) यहाँ पर सस्ते श्रमिक व अन्य संसाधन उपलब्ध हैं, (घ) क्योंकि विदेशी व्यापार, (ङ) विदेशी निवेश,(च) प्रतिस्पर्धा।
प्रश्न 12. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए:
1. बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ छोटे उत्पादकों से सस्ते दरों पर खरीदती हैं। | (a) मोटर गाड़ियाँ |
2. आयात पर कर और कोटा का उपयोग, व्यापार नियमन के लिये किया जाता है। | (b) कपड़ा, जूते-चप्पल, खेल के सामान |
3. विदेशों में निवेश करने वाली भारतीय कंपनियाँ | (c) कॉल सेंटर |
4. आई.टी. ने सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में सहायता की है। | (d) टाटा मोटर्स, इंफोसिस, रैनबैक्सी |
5. अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने उत्पादन करने के लिए निवेश किया है। | (e) व्यापार अवरोधक |
उत्तर:1 – b, 2 – e, 3 – d, 4 – c, 5 – a
It’s very interesting
This is best website to read simple question answer