राजा किसान और नगर के प्रश्न उत्तर

राजा किसान और नगर के प्रश्न उत्तर

Raja Kishan aur Nagar Question Answer – इस पोस्ट में हम कक्षा 12 के छात्रों के लिए एनसीईआरटी इतिहास अध्याय 2 के प्रश्न उत्तर लेकर आये हैं। जो छात्र अपनी परीक्षा की तैयारी अच्छी तरह से करना चाहते हैं वे हमारे इस पोस्ट से अध्याय 2 “राजा किसान और नगर” के प्रश्न एवं उत्तरों की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। हमारी वेबसाइटसे आप NCERT BOOK के अध्याय 2 “राजा किसान और नगर” के सभी प्रश्न उत्तर विस्तृत रूप में उपलब्ध हैं जिसको पढ़कर छात्र परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं

Class 12th History Chapter 2. राजा, किसान और नगर

राजा किसान और नगर के अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. जेम्स प्रिंसेप कौन था? उसने कौन-सी दो प्राचीन लिपियों को पढ़ने में सफलता प्राप्त की?
अथवा
जेम्स प्रिंसेप के योगदान को भारतीय अभिलेख-विज्ञान में एक ऐतिहासिक प्रगति क्यों माना गया?

उत्तर. – ईस्ट इंडिया के अधिकारी जेम्स प्रिंसेप ने सम्राट अशोक के अभिलेखों पर लिखी ब्राह्मी लिपि का अर्थ खोजा और इसे पढ़ने में सहायता दी। इससे मौर्यकालीन इतिहास का नया चित्र सामने आया। नि:संदेह, उन्होंने अभिलेख-विज्ञान की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

प्रश्न 2. महाजनपद क्या थे? कुछ महत्त्वपूर्ण महाजनपदों के नाम बताओ।

उत्तर. – छठी शताब्दी ई० पू० में उत्तरी भारत में कुछ बड़े-बड़े राज्य स्थापित हो गए थे। इन्हें महाजनपद कहा जाता था। इनकी संख्या 16 थी।
महत्त्वपूर्ण महाजनपद- (i) मगध (ii) कोशल (iii) वज्जि (iv) कुरु (v) अवंति (vi) पांचाल (vii) गंधार इत्यादि।

प्रश्न 3. कौन-सा महाजनपद सबसे शक्तिशाली बनकर उभरा? इसके किन्हीं तीन महत्त्वपूर्ण शासकों के नाम बताओ।

उत्तर. मगध सबसे शक्तिशाली महाजनपद बनकर उभरा। इसके तीन महत्त्वपूर्ण शासक थे-बिंबिसार, अजातशत्रु तथा महापद्मनंद।

प्रश्न 4. प्रारंभिक भारतीय इतिहास में मौर्य साम्राज्य को एक प्रमुख काल क्यों माना गया था?

उत्तर. – भारतीय इतिहास में मौर्य का साम्राज्य पहला बड़ा साम्राज्य था। इस दौरान राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों में कई नई प्रवृत्तियां पैदा हुईं। इसलिए मौर्य साम्राज्य को शुरूआती भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण समय माना जाता है।

प्रश्न 5. मगध की प्रारंभिक राजधानी कौन-सी थी? इसकी एक विशेषता बताओ। चौथी शताब्दी ई० पू० में किस नगर को मगध की राजधानी बनाया गया?

उत्तर. -राजगीर या राजगाह मगध की पहली राजधानी थी। पहाड़ियों के बीच बसा शहर था। चौथी शताब्दी ई० पू० में पाटलिपुत्र को मगध की राजधानी बनाया गया, जिसे आज पटना कहा जाता है।

प्रश्न 6. चंद्रगुप्त मौर्य कौन था? उसका राज्य कहाँ तक फैला हुआ था?

उत्तर. – चंद्रगुप्त मौर्य मौर्य वंश का संस्थापक था। उसने 321 ई० पू० में मौर्य वंश की स्थापना की थी। उसका राज्य पश्चिमोत्तर में अफ़गानिस्तान और बलोचिस्तान तक फैला हुआ था।

प्रश्न 7. कुषाण शासकों ने अपनी उच्च स्थिति के उदाहरण को किस प्रकार प्रस्तुत किया?

उत्तर. –कुषाणों ने अपने आप को देवतुल्य दिखाने की कोशिश की। यही कारण था कि उन्होंने अपनी भव्य मूर्तियाँ धार्मिक स्थानों, जैसे मंदिरों, पर लगवाईं। अफ़गानिस्तान में एक देवस्थान से और उत्तर प्रदेश में मथुरा के निकट एक माट से ऐसी विशालकाय मूर्तियाँ मिली हैं। अपने नाम के आगे उन्होंने “देवपुत्र” उपाधि भी दी।

प्रश्न 8. असोक (अशोक) के अभिलेखों की भाषाओं तथा लिपियों की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।

उत्तर. –असोक (अशोक) के अधिकांश लेख प्राकृत में लिखे गए हैं। यद्यपि ये ब्राह्मी लिपि में लिखे गए हैं, पश्चिमोत्तर से मिले लेख अरामेइक तथा यूनानी भाषा में लिखे गए हैं। कुछ में खरोष्ठी लिपि है। अफ़गानिस्तान में मिले अभिलेखों में मुख्यतः अरमेइक और यूनानी भाषाओं का प्रयोग हुआ है।

प्रश्न 9. सबसे प्राचीन अभिलेख किस शासक के हैं? इनसे उसके ‘धम्म’ के बारे में क्या पता चलता है?

उत्तर. –सबसे प्राचीन अभिलेख मौर्य शासक अशोक के हैं। इनके माध्यम से अशोक (असोक) ने अपने धम्म का प्रचार किया था जिसके मुख्य सिद्धांत निम्नलिखित थे
(1) बड़ों के प्रति आदर
(2) संन्यासियों तथा ब्राह्मणों के प्रति उदारता
(3) अपने सेवकों तथा दासों के साथ उदार व्यवहार
(4) दूसरों के धर्मों तथा परंपराओं का आदर

प्रश्न 10. प्रशस्तियों से गुप्त शासकों की तथ्यात्मक जानकारी किस प्रकार मिलती है ?

उत्तर. –यह लेख राजा की प्रशंसा में लिखा गया है। हरिषेण ने गुप्त शासक समुद्रगुप्त के बारे में लिखा, “प्रयाग प्रशस्ति” बहुत महत्वपूर्ण है। इससे पता चलता है कि समुद्रगुप्त गुप्त सम्राट सबसे शक्तिशाली था।

प्रश्न 11. कोई तीन बातें बताओ जो मौर्य साम्राज्य के महत्त्व को धुंधला करती हैं?

उत्तर. -(1) मौर्य साम्राज्य केवल 150 वर्षों तक ही चल पाया जिसे बहुत बड़ा काल नहीं माना जा सकता।

(2) यह उपमहाद्वीप के सभी क्षेत्रों में नहीं फैल पाया था।
(3) साम्राज्य की सीमा के अंतर्गत भी प्रशासन का नियंत्रण एक समान नहीं था।

प्रश्न 12. मौर्य साम्राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर. -(1) मौर्य साम्राज्य के पाँच बड़े केंद्र थे। इनमें से पाटलिपुत्र सबसे बड़ा केंद्र था जो मौर्य साम्राज्य की राजधानी था।
(2) मौर्य साम्राज्य बहुत ही विशाल था जिसके कारण प्रशासन में विविधता पाई जाती थी।

प्रश्न 13. सरदार (Chief) कौन होता है? उसके क्या कार्य होते हैं?

उत्तर. –सरदार शक्तिशाली है। उसका पद उसके पूर्वजों से हो सकता है या नहीं। उसके कामों में विशेष पूजा करना, युद्ध में नेतृत्व करना और विवादों को सुलझाने में मध्यस्थता करना शामिल है। वह अपने अधीनस्थों से मुलाकात करता है और अपने समर्थकों को जानकारी देता है।

प्रश्न 14. तमिलकम से क्या अभिप्राय है? मौर्यकालीन तमिलकम में उदय होने वाली तीन सरदारियों (Chiefdoms) के नाम बताओ। इनकी एक विशेषता भी बताओ।

उत्तर. -तमिलकम का अर्थ है उपमहाद्वीप के दक्कन और उसके दक्षिण भाग। इसमें केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के कुछ हिस्से शामिल हैं। मौर्यकालीन तमिलकम में चोल, चेर, पांडेय आदि सरदारियों का उदय हुआ। इन राज्यों की समृद्धि और स्थायित्व सिद्ध हुई।

प्रश्न 15. मौर्य साम्राज्य की राजधानी कौन-सी थी? साम्राज्य के चार प्रांतीय केंद्रों के नाम भी बताओ।

उत्तर. -मौर्य साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र थी।
प्रांतीय केंद्र-(i) तक्षशिला (ii) उज्जयिनी (iii) तोसली अथवा तोशाली (iv) सुवर्णगिरि

प्रश्न 16. लंबी दूरी के व्यापार से राजस्व जुटाने वाले दो राजवंशों के नाम बताइए।

उत्तर. -(1) मध्य तथा पश्चिम भारत में शासन करने वाले सातवाहन ।
(2) उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर तथा पश्चिम में शासन करने वाले शक।

प्रश्न 17, कुषाणों ने उच्च स्थिति प्राप्त करने के लिए क्या तरीका अपनाया?

उत्तर. -कुषाणों ने अपने आप को देवतुल्य दिखाने की कोशिश की। यही कारण था कि उन्होंने अपनी भव्य मूर्तियाँ धार्मिक स्थानों, जैसे मंदिरों, पर लगवाईं। ऐसे बड़े-बड़े चित्र

उत्तर. प्रदेश में मथुरा के निकट स्थित माट से तथा अफ़गानिस्तान के एक देवस्थान से मिली हैं। उन्होंने अपने नाम के आगे ‘देवपुत्र’ की उपाधि भी लगाई।

प्रश्न 18. गुप्त शासकों के इतिहास के किन्हीं तीन प्रकार के स्रोतों के नाम लिखिए।

उत्तर. – (1) साहित्य (2) सिक्के तथा अभिलेख (3) कवियों द्वारा उनकी प्रशंसा में लिखी गई प्रशस्तियाँ।

प्रश्न 19. सुदर्शन झील का निर्माण कब और किसने करवाया? इसकी मरम्मत किस-किस शासक ने करवाई?

उत्तर. -एक अभिलेख बताता है कि सुदर्शन झील को मौर्यकाल में एक स्थानीय राज्यपाल ने बनाया था। शासक रुद्रदमन तथा गुप्त शासक ने इसकी मरम्मत की थी।

प्रश्न 20. ‘मनुस्मृति’ क्या है? इसमें राजा को क्या सलाह दी गई है?

उत्तर. -मनुस्मृति आरंभिक भारत का सबसे प्रसिद्ध विधि ग्रंथ है। यह संस्कृत भाषा में है जिसकी रचना 200 ई० पू० से 200 ई० के बीच हुई थी। इसमें राजा को सलाह दी गई कि भूमि-विवादों से बचने के लिए सीमाओं की गुप्त पहचान बनाकर रखनी चाहिए। इसके लिए सीमाओं पर भूमि में ऐसी वस्तु दबाकर रखनी चाहिए जो समय के साथ नष्ट न हो।

प्रश्न 21. बाणभट्ट तथा ‘हर्षचरित’ की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।

उत्तर. –बाणभट्ट कन्नौज के शासक हर्षवर्धन का राजकवि था। हर्षचरित नामक ग्रंथ उसी ने लिखा था। संस्कृत भाषा का यह ग्रंथ हर्षवर्धन की जीवनी है।

प्रश्न 22. प्रभावती गुप्त कौन थी? उसके संबंध में कौन-सा एक विरला उदाहरण मिलता है?

उत्तर. –प्रभावती गुप्त आरंभिक भारत के एक प्रसिद्ध शासक चंद्रगुप्त वितीय (375-415 ई०) की पुत्री थी। उसका विवाह दक्कन पठार के वाकाटक परिवार में हुआ था। उसने भूमि-दान दिया था जो किसी महिला द्वारा दान का विरला उदाहरण है।

प्रश्न 23. भूमिदान अभिलेखों से भूमिदान के संबंध में कौन-सी क्षेत्रीय असमानताएँ देखने को मिलती हैं?

उत्तर. -(1) विभिन्न क्षेत्रों में दान में दी गई भूमि में अंतर पाया जाता है। कहीं छोटे-छोटे टुकड़े तो कहीं बहुत बड़े टुकड़े दान में दिए
(2) भूमिदान पाने वाले लोगों के अधिकारों में भी क्षेत्रीय अंतर मिलते हैं।

प्रश्न 24. राजा या प्रभावशाली लोग भूमिदान क्यों देते थे? इस संबंध में विभिन्न इतिहासकारों के क्या मत हैं?

उत्तर. -(1) कुछ इतिहासकारों के अनुसार यह नए क्षेत्रों में कृषि के विस्तार की एक नीति थी।
(2) कुछ अन्य इतिहासकारों का मत है कि जब किसी राजा का अपने सामंतों पर नियंत्रण ढीला पड़ जाता था तो वह भूमिदान देकर अपने लिए नए समर्थक जुटाता था।
(3) ऐसा भी माना जाता है कि कुछ राजा भूमिदान देकर अपनी शान और शक्ति का आडंबर रचते थे। प्रश्न

25. छठी शताब्दी ई० पू० में उपमहाद्वीप में उदय होने वाले सभी नगर-संचार मार्गों के किनारे बसे थे। कुछ उदाहरण दीजिए।

उत्तर. -(1) पाटलिपुत्र जैसे नगर नदी मार्ग के किनारे बसे थे।
(2) उज्जयिनी जैसे नगर भूतल मार्गों के किनारे थे।
(3) पुहार जैसे नगर समुद्र तट पर स्थित थे, जहाँ से समुद्री मार्ग प्रारंभ हुए।

प्रश्न 26. उपमहाद्वीप में छठी शताब्दी ई० पू० में उदय होने वाले नगरों की कोई तीन विशेषताएँ बताओ।

उत्तर. -(1) अधिकांश नगर महाजनपदों की राजधानियाँ थीं।
(2) प्रायः सभी नगर-संचार मार्गों के किनारे बसे थे।
(3) मथुरा जैसे अनेक नगर व्यावसायिक, सांस्कृतिक तथा राजनीतिक गतिविधियों के केंद्र थे।

प्रश्न 27. उत्तरी कृष्ण मार्जित पात्र (Northern Black Polished Ware) क्या है?

उत्तर. –हड़प्पा शहरों को छोड़कर कुछ किलेबंद नगरों से विभिन्न प्रकार के पुरावशेष प्राप्त हुए हैं। इनमें उच्चकोटि के मिट्टी के कटोरे तथा थालियाँ शामिल हैं जिन पर चमकदार कलई चढ़ी है। इन्हीं पात्रों को उत्तरी कृष्ण मार्जित पात्र कहा जाता है। इनका उपयोग संभवत: धनी लोग करते थे।

प्रश्न 28. दानात्मक अभिलेख क्या हैं?

उत्तर. -दानात्मक अभिलेख दूसरी शताब्दी ई० के छोटे-छोटे अभिलेख हैं जो विभिन्न नगरों से मिले हैं। इनमें धार्मिक संस्थाओं को दिए गए दान का विवरण है। इनमें दान देने वाले व्यक्ति के नाम के साथ-साथ उसके व्यवसाय का भी उल्लेख किया गया है। इनमें नगरों में रहने वाले विभिन्न शिल्पियों, अधिकारियों, व्यापारियों तथा राजाओं का विवरण मिलता है।

प्रश्न 29. ‘ श्रेणी’ क्या थी? इसका क्या कार्य था?

उत्तर. -उत्पादकों तथा व्यापारियों के संघ को ‘ श्रेणी’ कहा जाता था। ये श्रेणियाँ कच्चा माल खरीदती थीं और उससे सामान तैयार करके बाज़ार में बेचती थीं।

प्रश्न 30. ‘पेरिप्लस’ का क्या अर्थ है? पेरिप्लस ऑफ़ एरीथ्रियन सी किस बात पर प्रकाश डालता है?

उत्तर. -पेरिप्लस यूनानी भाषा का एक शब्द है। इसका अर्थ समुद्री यात्रा है। पेरिप्लस ऑफ़ एरीथ्रियन सी आरंभिक भारत के समुद्री व्यापार पर प्रकाश डालता है।

प्रश्न 31. आहत सिक्के कब और किसने जारी किए? ये किस धातु के बने हुए थे? उनका एक महत्त्व भी बताओ।

उत्तर. -आहत सिक्के छठी शताब्दी ई० पू० के राजाओं ने जारी किए। यह भी संभव है कि व्यापारियों तथा कुछ धनी लोगों ने भी इस प्रकार के सिक्के जारी किए हों। ये सिक्के चाँदी तथा ताँबे के बने हुए थे। इन सिक्कों पर प्रतीकों को आहत करके बनाया जाता था। सिक्कों के प्रचलन से व्यापार के लिए विनिमय काफ़ी सरल हो गया।

प्रश्न 32. शासकों की प्रतिमा और नाम के साथ सबसे पहले सिक्के किसने जारी किए?

उत्तर. -शासकों की प्रतिमा तथा नाम के साथ सबसे पहले सिक्के हिंद-यूनानी शासकों ने जारी किए। वे दूसरी शताब्दी ई० पू० में उपमहाद्वीप के पूर्वोत्तर क्षेत्र पर शासन करते थे।

प्रश्न 33. सोने के आरंभिक सिक्कों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दीजिए।

उत्तर. -सोने के सबसे प्रथम सिक्के प्रथम शताब्दी ई० में कुषाण शासकों ने जारी किए थे। इन सिक्कों का आकार और भार तत्कालीन रोमन सम्राटों तथा ईरान के पार्थियन शासकों द्वारा जारी सिक्कों के बिल्कुल समान था। बाद में गुप्त शासकों ने भी सोने के सिक्के चलाए। इनमें प्रयुक्त सोना अति उत्तम था।

प्रश्न 34. अशोक द्वारा धारण की गई दो उपाधियों के नाम तथा उनके अर्थ बताओ।

उत्तर. -अशोक ने ‘देवानांप्रिय’ तथा ‘पियदस्सी’ की उपाधियाँ धारण कीं। ‘देवानांप्रिय’ का अर्थ है-देवताओं का प्रिय तथा ‘पियदस्सी’ का अर्थ है-देखने में सुंदर।

प्रश्न 35. महाजनपद काल में शहरों और विशेषकर राजधानी शहरों के चारों ओर दीवारों का निर्माण क्यों किया गया?

उत्तर. -राजधानी शहरों का विशेष महत्त्व होता है। यहाँ सभी प्रकार की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियाँ चलती रहती हैं। इनकी शत्रु से रक्षा करना भी जरूरी होता है। महाजनपद काल के राजधानी शहरों पर भी ये बातें लागू होती थीं। अतः इन शहरों के चारों ओर दीवारें बनवाई गईं ताकि उन्हें मज़बूत किलों का रूप दिया जा सके।

प्रश्न 36. अशोक के सिंह शीर्ष को आज महत्त्वपूर्ण क्यों माना जाता है?

उत्तर. -अशोक के सिंह शीर्ष को भारत सरकार ने राज्य चिह्न के रूप में अपनाया है। यह हमारी एकता, वीरता, प्रगति तथा उच्च आदर्शों का प्रतीक है। इन्हीं बातों के कारण सिंह शीर्ष को महत्त्वपूर्ण माना जाता है।

प्रश्न 37. मौर्यकाल में विभिन्न व्यावसायिक समूहों के निरीक्षण के लिए अधिकारियों को क्यों नियुक्त किया जाता था?

उत्तर. –निरीक्षण के लिए अधिकारियों की नियुक्ति इसलिए की जाती थी, ताकि सभी आर्थिक गतिविधियाँ सुचारु रूप से चलती रहें। इसका उद्देश्य किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकना तथा सभी व्यवसायियों को समान हक दिलवाना भी था।

प्रश्न 38. यूनानी स्रोतों के अनुसार मौर्य सम्राट के पास कितनी सेना थी?

उत्तर. -यूनानी स्रोतों के अनुसार मौर्य सम्राट के पास छः लाख पैदल सैनिक, तीस हजार घुड़सवार तथा नौ हज़ार हाथी थे।

प्रश्न 39. मध्य एशिया से आए शकों को ब्राह्मण क्या मानते थे? उनके सुप्रसिद्ध शासक का नाम व उसका एक योगदान लिखिए।

उत्तर. –ब्राह्मण मध्य एशिया से आए शकों को मलेच्छ, बर्बर अथवा अन्यदेशीय मानते थे। उनका सुप्रसिद्ध शासक रुद्रदमन था जिसने सुदर्शन सरोवर का जीर्णोद्वार करवाया था।

प्रश्न 40. मौर्यों को अपनी विशाल सेना के लिए किस प्रकार के संसाधनों की जरूरत पड़ती होगी?

उत्तर. -(1) अत्यधिक राजस्व
(2) अपार सैनिक सामग्री
(3) भारी मात्रा में रसद
(4) सेना को रखने के स्थान इत्यादि।

प्रश्न 41. लोग पांड्य सरदारों के लिए उपहार क्यों लाते थे? सरदार इन उपहारों का उपयोग किसलिए करते होंगे?

उत्तर. –लोग पांड्य सरदारों का सम्मान करते थे क्योंकि वे उनके अधीन रहकर सुखी और प्रसन्न थे। इसलिए वे उनके लिए तरह-तरह के उपहार लाते थे। सरदार इन उपहारों का उपयोग संभवत: स्वयं करते होंगे अथवा इन्हें राजा की आधी मूर्ति अपने समर्थकों के बीच बाँट देते होंगे।

प्रश्न 42. दी गई मूर्ति में ऐसी क्या विशेषताएँ हैं जिनसे यह प्रतीत होता है कि यह एक राजा की मूर्ति है?

उत्तर. -(1) मूर्ति की पोशाक शाही है।
(2) उसने तलवार धारण की हुई है।
(3) इसे गौरवपूर्ण मुद्रा में दिखाया गया है।

प्रश्न 43. शासकों ने सिंचाई के प्रबंध क्यों किए?

उत्तर. –शासकों ने कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए सिंचाई के प्रबंध किए। इसके दो मुख्य कारण थे
(1) कृषि राज्य की आय का मुख्य साधन था।
(2) कृषि से लोगों को भोजन दिया जा सकता था।

प्रश्न 44. आरंभिक भारतीय इतिहास में छठी शताब्दी ई०पू० को एक महत्त्वपूर्ण काल क्यों माना जाता है?

उत्तर. –आरंभिक भारतीय इतिहास में छठी शताब्दी ई०पू० को एक महत्वपूर्ण परिवर्तनकारी काल माना जाता है। इस काल को प्रायः आरंभिक राज्यों, नगरों, लोहे के बढ़ते प्रयोग और सिक्कों के विकास के साथ जोड़ा जाता है। इसी काल में बौद्ध तथा जैन धर्म सहित विभिन्न दार्शनिक विचारधाराओं का विकास हुआ है।

प्रश्न 45. छठी शताब्दी ई० पू० से कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयोग किए गए किन्हीं दो तरीकों का वर्णन कीजिए।

उत्तर. -(1) कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए गंगा और कावेरी की घाटियों के उर्वर क्षेत्र में हल का प्रयोग किया गया।
(2) भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में उर्वर भूमि की जुताई लोहे के फाल वाले हलों से की जाने लगी।
(3) उत्पादन बढ़ाने का एक अन्य तरीका था—सिंचाई जो कुओं, तालाबों तथा कहीं-कहीं नहरों द्वारा की जाती थी। (कोई दो लिखें)

प्रश्न 46. ‘पेरिप्लस ऑफ़ एरीश्चियन सी’ का लेखक कौन है? उसने विभिन्न प्रकार की वस्तुओं की सूची क्यों तैयार की थी?

उत्तर. -‘पेरिप्लस ऑफ़ एरीथ्रियन सी’ का लेखक एक यूनानी समुद्री यात्री था। उसने समुद्र द्वारा होने वाले विदेशी व्यापार को दर्शाने के लिए विभिन्न प्रकार की वस्तुओं की सूची तैयार की थी। वह यह दर्शाना चाहता था कि भारत से काली मिर्च तथा दाल-चीनी, जैसे गर्म मसाले निर्यात किए जाते थे। इसके बदले में भारत में बहुमूल्य वस्तुएँ (पुखराज, मँगे, हीरे आदि) आयात किए जाते थे।

प्रश्न 47. पाटलिपुत्र नगर किस प्रकार विकसित हुआ था?

उत्तर. –पाटलिपुत्र नगर पाटलिग्राम नामक एक गाँव से विकसित हुआ था। पाँचवीं शताब्दी ई० पू० में मगध के शासकों ने अपनी राजधानी राजगाह से हटाकर इस बस्ती में लाने का निर्णय किया और इसका नाम बदल दिया। चौथी शताब्दी ई० पू० तक आते-आते यह मौर्य साम्राज्य की राजधानी बन गया। उस समय यह नगर एशिया के सबसे बड़े नगरों में से एक था।

प्रश्न 48. ‘गंदतिद्’ जातक में वर्णित राजन की अवधारणा की परख कीजिए।

उत्तर. (i) राजा को प्रजा के हितों का ध्यान रखना चाहिए। उनकी हर प्रकार के उत्पीड़न से रक्षा की जानी चाहिए।
(ii) आधिकारी वर्ग को अपनी ग्रामीण प्रजा के प्रति विशेष रूप से उदारता की नीति अपनानी चाहिए, क्योंकि गांव का कृषि प्रधान समाज की राजस्व का मूल स्रोत होता है।

प्रश्न 49. ‘गपति’ कौन होता था?

उत्तर. –गहपति घर का मुखिया होता था। वह घर में रहने वाली महिलाओं, बच्चों, नौकरों और दासों पर नियंत्रण रखता था। परिवार की भूमि, जानवर तथा अन्य सभी वस्तुओं का वही स्वामी होता था। कभी-कभी इस शब्द का प्रयोग नगरों में रहने वाले संभ्रांत व्यक्तियों और व्यापारियों के लिए भी किया जाता था।

इस पोस्ट में राजा किसान और नगर आरंभिक राज्य और अर्थव्यवस्थाएं-प्रश्न-उत्तर राजा किसान और नगर के प्रश्न उत्तर pdf download राजा किसान और नगर के नोट्स राजा किसान और नगर” के सभी प्रश्न raja kisan aur nagar ke question answer Raja Kishan aur Nagar MCQ Question Class 12th History Chapter 2 MCQ राजा किसान और नगर से संबंधित काफी महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए है यह प्रश्न उत्तर फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसके बारे में आप कुछ जानना यह पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके अवश्य पूछे.

1 thought on “राजा किसान और नगर के प्रश्न उत्तर”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top