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NCERT Solutions For Class 6 Hindi Chapter 16 – वन के मार्ग में

NCERT Solutions For Class 6 Hindi Chapter 16 – वन के मार्ग में

NCERT Solutions Class 6 Hindi (Vasant) Chapter 16 वन के मार्ग में – जो विद्यार्थी 6th कक्षा में पढ़ रहे है ,उन सब का सपना होता है कि वे अपनी कक्षा में अच्छे अंक से पास हो ,ताकि उन्हें आगे एडमिशन या किसी नौकरी के लिए फॉर्म अप्लाई करने में कोई दिक्कत न आए . इसलिए आज हमने इस पोस्ट में एनसीईआरटी कक्षा 6 हिंदी वसंत अध्याय 16 (वन के मार्ग में) का सलूशन दिया गया है जोकि एक सरल भाषा में दिया है . क्योंकि किताब से कई बार विद्यार्थी को प्रश्न समझ में नही आते .इसलिए यहाँ NCERT Solutions For Class 6th Hindi Chapter 16 Van Ke Marg Mein दिया गया है. जो विद्यार्थी छठी कक्षा में पढ़ रहे है उन्हें इसे अवश्य देखना चाहिए . इसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आप Ch .16 वन के मार्ग में के प्रश्न उत्तरों ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे

Class 6
Subject Hindi
Book वसंत
Chapter Number 16
Chapter Name वन के मार्ग में

प्रश्न-गोस्वामी तुलसीदास का संक्षिप्त परिचय लिखिए।

उत्तर- गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले के राजापुर गाँव में सन 1532 में हुआ था। इनके पिता का नाम आत्माराम तथा माता का नाम हुलसी था। इनका बचपन कष्टों में बीता था। इनकी पत्नी का नाम रत्नावली था। इनकी मृत्यु सन 1623 में काशी में हुई थी।

प्रश्न- ‘वन के मार्ग में’ शीर्षक कविता का सार अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर- प्रस्तुत कविता (सवैया) का संग्रह तुलसीदास जी के ‘कवितावली’ के अयोध्याकांड से किया गया है। अपने पिता महाराज दशरथ की आज्ञा मानकर राम, लक्ष्मण और सीता तपस्वियों के वेष में वन को निकल पड़े। वन मार्ग में उन्हें क्या-क्या परेशानियाँ आती हैं, तुलसीदास जी ने इसका जो वर्णन किया वह हृदय को छू लेने वाला है।

NCERT Solutions For Class 6 हिंदी (वसंत) Chapter 16 वन के मार्ग में

अभ्यास के सभी प्रश्नों के उत्तर

सवैया से

प्रश्न 1. नगर से बाहर निकलकर दो पग चलने के बाद सीता की क्या दशा हुई ?

उत्तर- नगर से बाहर निकलकर दो पग चलने के बाद सीता के माथे पर पसीने की बूंदें आ गईं। उनके मधुर होंठ सूख गए। ऐसी स्थिति में सीता श्री रामचंद्र से पूछती हैं कि हे प्रिय! अभी कितनी दूर चलना है।

प्रश्न 2. ‘अब और कितनी दूर चलना है, पर्णकुटी कहाँ बनाइएगा’-किसने किससे पूछा और क्यों ?

उत्तर-सीता ने श्री रामचंद्र जी से पूछा-‘अब और कितनी दूर चलना है, पर्णकुटी कहाँ बनाइएगा। क्योंकि राजमहलों में रहने-चलने वाली सीता दो कदम ही चलने के कारण थक गई हैं।

प्रश्न 3. राम ने थकी हुई सीता की क्या सहायता की ?

उत्तर-राम ने थकी हुई सीता के मन के भाव को जानकर बड़ी देर तक अपने पैरों से काँटे निकालने का अभिनय करके सीता की सहायता की।

प्रश्न 4. दोनों सवैयों के प्रसंगों में अंतर स्पष्ट करो।

उत्तर-पहले सवैये में सीता के वन मार्ग में चलने के कारण होने वाली थकान को देखकर राम के दुःखी होने का तथा दूसरे सवैये में सीता द्वारा अपनी थकान को दबाने तथा राम के द्वारा सीता को विश्राम करने का अवसर दिया गया है। अतः दोनों सवैयों में अंतर है।

प्रश्न 5. पाठ के आधार पर वन के मार्ग का वर्णन अपने शब्दों में करो।

उत्तर-वन में पैदल चलना पड़ता है। मार्ग में पैदल चलने के कारण पैरों में काँटा आदि चुभ जाता है। वन में पक्के रास्ते नहीं होते। वृक्षों की अधिकता के कारण हर समय घनी छाया रहती है। धूल की अधिकता के कारण पैर आदि गंदे हो जाते हैं। वन के रास्ते में पानी छोटी नदियों या सरोवरों से ही मिलता है।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1. गरमी के दिनों में कच्ची सड़क की तपती धूल में नंगे पाँव चलने पर पाँव जलते हैं। ऐसी स्थिति में पेड़ की छाया में खड़ा होने और पाँव धो लेने पर बड़ी राहत मिलती है। ठीक वैसे ही जैसे प्यास लगने पर पानी मिल जाए और भूख लगने पर भोजन। तुम्हें भी किसी वस्तु की आवश्यकता हुई होगी और कुछ समय बाद पूरी हो गई होगी। तुम सोचकर लिखो कि आवश्यकता पूरी होने के पहले तक तुम्हारे मन की दशा कैसी थी?

उत्तर-किसी वस्तु की आवश्यकता पूरी होने से पहले मन उसके लिए बेचैन तथा व्याकुल रहता है। हम बार-बार उस वस्तु के विषय में सोचते रहते हैं तथा उसे पाने के अनेक प्रयास करते हैं। किसी दूसरे काम में मन नहीं लगता।

भाषा की बात

प्रश्न 1.

लखि-देखकर धरि-रखकर
पोंछि-पोंछकर जानि-जानकर

ऊपर लिखे शब्दों और उनके अर्थों को ध्यान से देखो। हिंदी में जिस उद्देश्य के लिए हम क्रिया में ‘कर’ जोड़ते हैं, उसी के लिए अवधी में क्रिया में (िइ) को जोड़ा जाता है, जैसे-अवधी में बैठ +f= बैठि और हिंदी में बैठ + कर = बैठकर। तुम्हारी भाषा या बोली में क्या होता है ? अपनी भाषा के ऐसे छह शब्द लिखो। उन्हें ध्यान से देखो और कक्षा में बताओ।

उत्तर- मेरी भाषा ऐसे तो हिंदी खड़ी बोली है पर भोजपुरी में निम्नलिखित उद्देश्य के लिए अलग क्रिया के साथ ‘के’ का प्रयोग करते हैं जैसे-

  • देखकर – ताक के
  • बैठकर – बइठ के।
  • रुककर – रुक के।
  • सोकर – सुत के।
  • खाकर – खा के।
  • पढ़कर – पढ़ के।

प्रश्न 2.”मिट्टी का गहरा अंधकार, डूबा है उसमें एक बीज।” उसमें एक बीज डूबा है।

जब हम किसी बात को कविता में कहते हैं तो वाक्य के शब्दों के क्रम में बदलाव आता है, जैसे-“छाँह घरीक वै ठाढ़े” को गद्य में ऐसे लिखा जा सकता है “छाया में एक घड़ी खड़ा होकर।” उदाहरण के आधार पर नीचे दी गई कविता की पंक्तियों को गद्य के शब्दक्रम में लिखो।

पुर तें निकसी रघुबीर-बधू,
पुट सूखि गए मधुराधर वै ॥
बैठि बिलंब लौं कंटक काढ़े।
पर्नकुटी करिहौं कित वै ?

उत्तर-

रघुबीर की वधू नगर से निकलीं
उनके दोनों मधुर होंठ सूख गए
(राम बैठकर काफी देर तक पैरों से काँटा निकालने का अभिनय करने लगे।
पत्तों की कुटिया।
आप अब कहाँ बनाएँगे।

इस पोस्ट में हमने आपको Class 6 Hindi Chapter 16 Van Ke Marg Me Questions Class 6 Hindi Chapter 16 वन के मार्ग में Van Ke Marg Me Class 6 Question वन के मार्ग में प्रश्न-उत्तर Class 6 Hindi Chapter 16 Van Ke Marg Mein Solution Class 6 Hindi Chapter 16 Question Answer वन के मार्ग में Question and answer class 6 hindi chapter 16 extra questions से संबंधित पूरी जानकारी दी गई है अगर इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके हम से जरूर पूछें और अगर आपको यह जानकारी फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें.

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