Transistors क्या है कैसे काम करता है
Transistors क्या है कैसे काम करता है
ट्रांजिस्टर एक Semiconductor (अर्धचालक) डिवाइस है जो कि किसी भी Electronic Signals को Amply या Switch करने के काम आता है. यह (Semiconductor ) अर्धचालक पदार्थ से बना होता है जिसे बनाने के लिए ज्यादातर सिलिकॉन और जेर्मेनियम का प्रयोग
किया जाता हैं।इसके 3 टर्मिनल होते हैं .जो इसे किसी दूसरे सर्किट से जोड़ने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं .इन टर्मिनल को base, collector और Emitter कहा जाता है.
ट्रांजिस्टर कई प्रकार के होते हैं और सभी अलग-अलग तरह से काम करते हैं तो आज की इस पोस्ट में आपको बताया जाएगा कि n-p-n ट्रांजिस्टर क्या है और कैसे काम करता है. ट्रांजिस्टर कैसे काम करता है pnp ट्रांजिस्टर क्या है और कैसे काम करता है .लेकिन इससे पहले हम जानेंगे की ट्रांजिस्टर किसने और कैसे बनाया और इस का आविष्कार करने वाला कौन था आखिर किसने ट्रांजिस्टर का आविष्कार करके इलेक्ट्रॉनिक की पूरी दुनिया में एक क्रांति ला दी.
Transistors का अविष्कार कब और किसने किया
सबसे पहले एक जर्मन भौतिक विज्ञानी Julius Edgar Lilienfeld ने 1925 में field-effect transistor (FET) के लिए कनाडा में patent के लिए प्रार्थना-पत्र दिया लेकिन किसी तरह के सबूत ना होने के कारण उसे स्वीकार नहीं किया गया. लेकिन इलेक्ट्रॉनिक दुनिया को बदलकर रख देने वाले ट्रांजिस्टर का आविष्कार John Bardeen, Walter Brattain और William Shockley ने 1947 में Bell Labs में किया था.
Transistors Classification and Types in Hindi
जैसा कि आप जानते हैं ट्रांजिस्टर में इलेक्ट्रॉनिक दुनिया में बहुत बड़ा बदलाव किया तो इसका जितना बड़ा बदलाव था उसी तरह इसे बहुत ज्यादा श्रेणियों में बांटा गया नीचे आपको एक डायग्राम दिया गया है जिसकी मदद से आप इसे ज्यादा आसानी से समझ पाएंगे.
ट्रांजिस्टर के आविष्कार से पहले वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन अब ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल वैक्यूम ट्यूब की जगह किया जा रहा है क्योंकि ट्रांजिस्टर आकार में बहुत मोटे और वजन में बहुत हल्के होते हैं और इन्हें ऑपरेट होने के लिए बहुत ही कम पावर की जरुरत पड़ती है.इसीलिए ट्रांजिस्टर बहुत सारे उपकरण में इस्तेमाल किया जाता है जैसे एम्पलीफायर, स्विचन सर्किट, ओसीलेटरर्स और भी लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में इसका इस्तेमाल किया जाता है.
जैसा कि ऊपर आपका फोटो में ट्रांजिस्टर के कई प्रकार दिखाए गए हैं लेकिन इसके मुख्य दो ही प्रकार होते हैं :
- N-P-N
- P-N-P
n-p-n ट्रांजिस्टर क्या है
जब P प्रकार के पदार्थ की परत को दो N प्रकार के पदार्थ की परतों के बीच में लगाया जाता है तो हमें n-p-n ट्रांजिस्टर मिलता है. इसमें इलेक्ट्रॉनों Base terminal के ज़रिये collector से emitter की ओर बहते है .
p-n-p ट्रांजिस्टर क्या है
जब N प्रकार के पदार्थ की परत को दो P प्रकार के पदार्थ की परतों के बीच में लगाया जाता है तो हमें p-n-p ट्रांजिस्टर मिलता है.
यह ट्रांजिस्टर के दोनों प्रकार देखने में तो एक जैसे लगते हैं लेकिन दिन में सिर्फ जो Emitter पर तीर का निशान है उसमें फर्क है PNP में यह निशान अंदर की तरफ है और NPN में यह निशान बाहर की तरफ है तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कौन से ट्रांजिस्टर में तीर का निशान किस तरफ है.इसे याद करने की एक बहुत आसान सी ट्रिक है .
NPN – ना पकड़ ना :- यहां पर हम इनकी फुल फॉर्म ना पकड़ ना की तरह इस्तेमाल करेंगे इसका मतलब पकड़ो मत जाने दो तो इसमें तीर का निशान बाहर की तरफ जा रहा है.
PNP – पकड़ ना पकड़ :- यहां पर हम इनकी फुल फॉर्म पकड़ ना पकड़ की तरह इस्तेमाल करेंगे इसका मतलब पकड़ो लो तो इसमें तीर का निशान अन्दर तरफ रह जाता है.
तो ऐसे आप इसे याद रख सकते हैं और ट्रांजिस्टर के 3 टर्मिनल होते हैं .जो इसे किसी दूसरे सर्किट से जोड़ने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं .इन टर्मिनल को Base, Collector और Emitter कहा जाता है.
FET (Field Effect Transistor)
FET ट्रांजिस्टर का दूसरा टाइप है.और इसमें भी 3 टर्मिनल होते हैं. जिसे Gate (G), Drain (D) और Source (S) कहते है .और इसे भी आगे और कैटेगरी में बांटा गया है. Junction Field Effect transistors (JFET) और MOSFET transistors. इन्हें भी आगे और classified किया गया है . JFET को Depletion mode में और MOSFET को Depletion mode और Enhancement mode में classified किया गया है. और इन्हें भी इन्हें भी आगे N-channel और P-channel में classified किया गया है.
Small Signal Transistors
Small Signal ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल सिग्नल को Amplify करने के साथ-साथ Switching के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.सामान्यत: यह ट्रांजिस्टर हमें Market में PNP और NPN रूप में मिलता है .इस ट्रांजिस्टर के नाम से ही पता लग रहा है कि यह ट्रांजिस्टर वोल्टेज और करंट को थोड़ा सा Amplify लिए इस्तेमाल किया जाता है. इस ट्रांजिस्टर का उपयोग लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में किया जाता है जैसे कि LED diode driver, Relay driver, Audio mute function, Timer circuits, Infrared diode amplifier इत्यादि .
Small Switching Transistors
इस ट्रांजिस्टर का प्राइमरी काम किसी भी सिग्नल को स्विच करना है उसके बाद में इसका काम Amplify का है. मतलब इस ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल ज्यादातर सिग्नल को स्विच करने के लिए ही किया जाता है. यह भी आपको मार्केट में एन पी एन और पी एन पी रूप में मिलता है.
Power Transistors
ऐसे ट्रांजिस्टर जो हाई पावर को Amplify करते हैं और हाई पावर की सप्लाई देते हैं उन्हें पावर ट्रांजिस्टर कहते हैं. इस तरह के ट्रांजिस्टर PNP ,NPN और Darlington transistors के रूप में मिलते हैं . इसमें collector के current की values range 1 से 100A तक होती है . और इसकी operating frequency की range 1 से 100MHz तक होती है .
इस पोस्ट में आपको बताया गया की n-p-n ट्रांजिस्टर क्या है , ट्रांजिस्टर कैसे काम करता है , ट्रांजिस्टर किसे कहते हैं , pnp ट्रांजिस्टर अगर इसके अलवा कोई और सवाल है तो नीचे कमेंट करके पूछे .
kya transistor motherboard me v use hote hai ???aur agar hote hai to kaha kaha hote hai ?
ha bahut sare hote hai
Transistor kaise karya krta hai btaeye sir
Kya radio me bhi transistor ka use hota h??? please reply sr
सर आपने जो pnp की बायसिंग दिखाई है उसमे करंट की दिशा गलत है
राम शर्मा जी! बताने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !
i like it
1956 में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया
The common MOD gain is
Ans1 very high
2 and very low
3 always hairy
4 unpredictable
सर speaker mein bhi transistor Laga Hota Hai लगा होता है तो काम कैसे करता है क्या काम है उसका
Sir mujhe janna h ki pnp transistors ke place pr npn use kr skte h or ydi nhi kr skte to kiyo nhi
kyunki dono ke kaam karne ka tarike ek dusre se ulta hota hai. jaise ham Battery ke terminal ki agar ulta jod denge to circuit kaam nahi karega .
transistor kaise work krta hai kha btaye??????