खेलों द्वारा राष्ट्रीय एकता की भावना कैसे स्थापित की जा सकती है?
खेलों द्वारा राष्ट्रीय एकता की भावना कैसे स्थापित की जा सकती है? राष्ट्रीय एकता को बढ़ाने में शारीरिक शिक्षा एवं खेलकद की भूमिका का उल्लेख करें। क्या खेलों के द्वारा राष्ट्रीय एकता बढ़ाई जा सकती है? यदि हाँ, तो कैसे? राष्ट्रीय एकता को कैसे बढ़ाया जा सकता है? राष्ट्रीयता एकता की क्या आवश्यकता है?
भारत विविधताओं का देश है। यहाँ विभिन्न जातियों, समदायों. धर्मों आदि के लोग रहते हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के रीति-रिवाज, विचारधाराएँ एवं भाषाएँ प्रचलित हैं। इसलिए हमारे लिए राष्ट्रीय एकता बहुत आवश्यक है। अतः शारीरिक शिक्षा एवं खेलों के माध्यम से लोगों में देश के प्रति एकता की भावना जागृत की जा सकती है क्योंकि खेलों के माध्यम से हम एक-दूसरे से मिलते हैं, आपस में बातें करते हैं। जब एक टीम मिलकर अपने देश के लिए खेलती है तो उसमें भिन्न-भिन्न धर्मों, वर्गों एवं जाति के लोग या खिलाड़ी शामिल होते हैं। सभी खिलाडी केवल एक ही लक्ष्य को ध्यान में रखकर खेलते हैं। अत: खेलों के माध्यम से उनमें एक-दूसरे की सहायता करना, सद्भावना, भाईचारा, सहनशीलता, मित्रता. सामंजस्य, ईमानदारी व वफादारी आदि सामाजिक व नैतिक गुणों का विकास होता है। खेलकूद के द्वारा ही एकता की भावना का पाठ पढाया जाता है, क्योंकि इसके बिना खेलों में विजय पाना सम्भव नहीं होता। इनमें विभिन्न राज्यों के खिलाड़ी होते हैं, लेकिन जब वे किसी दसरे देश के साथ खेलते हैं तब वे केवल भारतीय के रूप में खेलते हैं। वे सब विभिन्नताओं को भुलाकर एक टीम के रूप में देश के लिए खेलते हैं। इससे उनमें राष्ट्रीय एकता की भावना उत्पन्न होती है।