Class 7th Science Chapter 18 Solutions – अपशिष्ट जल की कहानी
Class 7th Science Chapter 18 Solutions – अपशिष्ट जल की कहानी
NCERT Solutions for Science Class 7th Chapter 18. अपशिष्ट जल की कहानी – सातवीं कक्षा के लिए हर साल लाखों विद्यार्थी परीक्षा देते है .जिसमे से बहुत से विद्यार्थी अच्छे अंक प्राप्त नही कर पाते ,जिसमे अधिकतर विद्यार्थी Science के होते है .बहुत से विध्यार्थियों को Science अच्छे से समज में नही आती ,जिससे वह Science में अच्छे अंक प्राप्त नही कर पाते .इसलिए आज हमने इस पोस्ट में एनसीईआरटी कक्षा 7th विज्ञान अध्याय 18 (अपशिष्ट जल की कहानी) के लिए सलूशन दिया गया है, जोकि एक आसन भाषा में है .हमारी वेबसाइट पर 7th क्लास के सभी अध्याय के सलूशन दिए है .इन सलूशन से आप अपनी परीक्षा की तैयारी अच्छे से कर सकते है .
अभ्यास के प्रश्न-उत्तर
(क) जल को स्वच्छ करना ………………….. को दूर करने का प्रक्रम है।
(ख) घरों द्वारा निर्मुक्त किए जाने वाला अपशिष्ट जल ……………….. कहलाता है।
(ग) शुष्क ………………….. का उपयोग खाद के रूप में किया जाता है।
(घ) नालियाँ ………………… और ………………. के द्वारा अवरुद्ध हो जाती हैं।
उत्तर. (क) प्रदूषकों, (ख) सीवेज, (ग) आपंक, (घ) प्लास्टिक के लिफाफों, रसोई अपशिष्टों।
उत्तर. वाहित मल घरों, उद्योगों, अस्पतालों, कार्यालयों और अन्य उपयोगों के बाद प्रवाहित किए जाने वाला जल अपशिष्ट जल होता है। अनुपचारित वाहित मल में अनेकों संदूषक होते हैं जो जल स्रोतों के शुद्ध जल में मिलकर उसे संदूषित बना देते हैं और यही जल अनेकों प्रकार से जीवों को हानि पहुँचाता है।
उत्तर. क्योंकि तेल और वसा युक्त पदार्थ नालियों में कठोर पदार्थों की परत जमा कर उन्हें बंद कर देते हैं। वसा. युक्त पदार्थ मृदा के रंध्रों को बंद कर, जल को फिल्टर करने में बाधक बन जाते हैं।
उत्तर. अपशिष्ट जल से स्वच्छ जल प्राप्त करने के प्रक्रम के चरण निम्नलिखित हैं
(1) सर्वप्रथम अपशिष्ट जल को बार स्क्रीन से गुजारकर कपड़े के टुकड़े, पत्थर के टुकड़े, इंडियाँ, डिब्बे, प्लास्टिक के पैकेट व नैपकिन आदि बड़े संदूषक अलग किए जाते हैं।
(2) अब वाहित अपशिष्ट जल को ग्रिट और बालू अलग करने की टंकी में ले जाया जाता है। इस टंकी में जल को कम प्रवाह से छोड़ने पर बालू, ग्रिट और कंकड़-पत्थर उसकी पैंदी में बैठ जाते हैं।
(3) अब जल को मध्य भाग से ढलान वाली टंकी में ले जाकर मल जैसे ठोस अपशिष्ट को तली पर एकत्रित होने दिया जाता है जिसे खुरचकर बाहर निकालते हैं, इसे आपंक या स्लज कहते हैं। तेल और ग्रीस जैसे अपशिष्टों को स्किमर का उपयोग कर अलग किया जाता है। प्राप्त जल को निर्मलीकृत जल कहते हैं। आपंक को अलग टंकी में ले जाकर इससे बायोगैस बनाई जाती है।
(4) प्राप्त जल में पंप द्वारा वायु को गुजारकर इसमें वायवीय जीवाणुओं की वृद्धि की जाती है। ये जीवाणु शेष बची । अशुद्धियों का उपभोग कर लेते हैं। प्राप्त जल को जीवाणुनाशन कर पीने योग्य बना लिया जाता है।
उत्तर. आपंक, एक ठोस अपशिष्ट होता है जिसे जल के शोधक के समय प्राप्त किया जाता है। आपंक को अलग टंकी में ले जाकर अपघटित करवाया जाता है जिससे उपयोगी जैविक खाद की प्राप्ति होती है जो कृषि उपज बढ़ाने में सहायक होती है।
उत्तर. अनुपचारित मानव मल स्वास्थ्य के लिए एक भारी संकट बन सकता है क्योंकि इसके द्वारा जल, वायु और मृदा प्रदूषण होता है। प्रदूषित जल से हैजा, पीलिया आदि जल जनित रोग हो सकते हैं क्योंकि मल में विद्यमान रोगाणु जल के साथ मिलकर रोग का कारण बन सकते हैं।
उत्तर. क्लोरीन और ओजोन।
उत्तर. अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र में शलाका छन्ना, अपशिष्ट जल में से बड़े आकार के संदूषक; जैसे कपड़ों के टुकड़े, | इंडियाँ, डिब्बे, प्लास्टिक के पैकेट, नैपकिन, घास-फूस व पत्तों आदि को अलग करने का कार्य करता है।
उत्तर. स्वच्छता और रोग एक सिक्के के एकदम उलट पहलू हैं जहाँ स्वच्छता होगी, वहाँ रोग आ ही नहीं सकता। परंतु स्वच्छता हटने पर विभिन्न रोगों के रोगाणु अपना डेरा डाल लेते हैं और अवसर मिलते ही अपना कार्य कर डालते हैं अंर्थात् स्वस्थ व्यक्ति बीमार हो जाता है। इसलिए यदि रोगों को दूर रखना है तो स्वच्छता को अपनाना ही होगा।
उत्तर. एक सक्रिय नागरिक के रूप में आप आम जनता को स्वच्छता के महत्त्व और रोग फैलने के कारणों के बारे में जन चेतना पैदा कर सकते हैं। स्वच्छ पर्यावरण के लिए सफाई के महत्त्व को समझाते हुए अपशिष्ट पदार्थों के उचित | निपटारे के बारे में जानकारी लोगों को दे सकते हैं। कूड़ा-कचरा खुले में डालने से खुले में मल विसर्जन, गन्दे कपड़ों को ज़ल स्रोतों के पास धोने व शुद्ध पेय जल प्रदान करने वाले जल स्रोतों को गंदा करने के क्या परिणाम होंगे। यदि इस बारे में जन साधारण को बताने का प्रयास करेंगे तब निश्चित रूप से हम स्वयं और समाज के अन्य लोगों को बीमारियों से बचा | पाने में सफल होंगे।
(क) यह सजीव जीवों के श्वसन के लिए अनिवार्य है।
(ख) इसका उपयोग जल को रोगाणु रहित करने के लिए किया जाता है।
(ग) यह पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती है।
(घ) वायु में इसका अनुपात लगभग 3% है।
इनमें से कौन-से वक्तव्य सही है?
(i) (क), (ख) और (ग), (i) (ख) और (ग), (iii) (क) और (ग), (iv) सभी चार
उत्तर. (ii) (ख) और (ग)