सत्ता की साझेदारी Class 10th Political Science Chapter 1. Solution
NCERT Solutions For Class 10th Political Science Chapter-1 सत्ता की साझेदारी – कक्षा 10 के छात्रों के लिए यहां पर एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 राजनीति विज्ञान अध्याय1 सत्ता की साझेदारी का पूरा सलूशन दिया गया है। यह सलूशन एक सरल भाषा में दिया गया है ताकि विद्यार्थी को इसके प्रश्न उत्तर आसानी से समझ में आ जाएँ .जो भी इतिहास विषय में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उन्हें यहां पर पहले अध्याय का पूरा हल मिल जायेगा। जिससे की छात्रों को तैयारी करने में किसी भी मुश्किल का सामना न करना पड़े। इस पोस्ट पर NCERT BOOK के अध्याय 1 सत्ता की साझेदारी का पूरा हल प्राप्त कर सकते है।
पाठ्यपुस्तक प्रश्नोत्तर
उत्तर- (क )सरकार विभिन्न अंगों के बीच सत्ता की साझेदारी: उदाहरण: विधायिका और कार्यपालिका के बीच सत्ता की साझेदारी।
(ख) सरकार के विभिन्न स्तरों में सत्ता की साझेदारी: उदाहरण: केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सत्ता की साझेदारी।
(ग) सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी: उदाहरण: सरकारी नौकरियों में पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षण।
(घ) दबाव समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी: नये श्रम कानून के निर्माण के समय ट्रेड यूनियन के रिप्रेजेंटेटिव से सलाह लेना।
उत्तर (क) युक्तिपरक कारण (Prudential Reason): भारत एक घनी आबादी वाला देश है। पूरे देश के लिए एक ही सरकार के द्वारा कानून बनाना, शांति तथा व्यवस्था बनाना संभव नहीं है। इसलिए सरकार को विभिन्न स्तरों में बाँट दिया गया है और उनके बीच कार्यों का बँटवारा संविधान में लिखित रूप से कर दिया गया है, जिससे ये सरकारें बिना झगड़े देश के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर शासन कर सकें।
(ख) नैतिक कारण (Moral Reason): लोकतंत्रीय देश में सत्ता का बँटवारा जरूरी है। यदि एक ही प्रकार की सरकार होगी तो वह निरंकुश हो जाएगी, ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी शासन में नहीं हो पाएगी जो कि लोकतंत्र के लिए जरूरी है। इसलिए भारत में विभिन्न स्तरों पर सरकारों का वर्गीकरण कर दिया गया है।
थम्मनः जिन समाजों में क्षेत्रीय, भाषायी और जातीय आधार पर विभाजन हो सिर्फ़ वहीं सत्ता की साझेदारी ज़रूरी है।
मथाई: सत्ता की साझेदारी सिर्फ ऐसे बड़े देशों के लिए उपयुक्त है जहाँ क्षेत्रीय विभाजन मौजूद होते हैं।
औसेफः हर समाज में सत्ता की साझेदारी की ज़रूरत होती है भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हो।
उत्तर – मैं औसेफ से सहमत हूँ। हम जानते हैं कि लोकतंत्र की मूल भावना है लोगों के हाथ में सत्ता देना। सत्ता की साझेदारी करके हम लोकतंत्र की मूल भावना का सम्मान करते हैं। यदि सत्ता की साझेदारी नहीं होती है तो सत्ता कुछ चुनिंदा हाथों तक ही सीमित रह जाती है। ऐसी स्थिति से तानाशाही का जन्म होता है जिससे लोकतंत्र की हत्या हो जाती है।
उत्तर – स्कूलों में फ्रेंच बोलने पर लगी रोक को सही बताना बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था की मूल भावना के खिलाफ है। बेल्जियम में जो व्यवस्था अपनाई गई उसमें सभी भाषाओं के लोगों को समान अधिकार दिए गए थे। इसलिए स्कूलों में फ्रेंच बोलने पर रोक लगाना सही नहीं है क्योंकि ऐसा करने से फ्रेंच भाषी लोगों की भावनाओं का हनन होता है।
“महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने और अपने संविधान निर्माताओं की उम्मीदों को पूरा करने के लिए हमें पंचायतों को अधिकार देने की ज़रूरत है। पंचायती राज ही वास्तविक लोकतंत्र की स्थापना करता है। यह सत्ता उन लोगों के हाथों में सौंपता है जिनके हाथों में इसे होना चाहिए। भ्रष्टाचार कम करने और प्रशासनिक कुशलता को बढ़ाने का एक उपाय पंचायतों को अधिकार देना भी है। जब विकास की योजनाओं को बनाने और लागू करने में लोगों की भागीदारी होगी तो इन योजनाओं पर उनका नियंत्रण बढ़ेगा। इससे भ्रष्ट बिचौलियों को खत्म किया जा सकेगा। इस प्रकार पंचायती राज लोकतंत्र की नींव को मज़बूत करेगा।”
उत्तर – इस उद्धरण में सत्ता के बँटवारे से संबंधित कई युक्तिपरक कारण दिए गए हैं तथा यह कारण इस प्रकार हैं:
(क) भ्रष्टाचार को कम करना (Reducing Corruption): यह उद्धरण कहता है कि अगर सत्ता को जनता के हाथों में दे दिया
जाए तो वह अपने निर्णय लेने के लिए स्वयं उत्तरदायी होंगे तथा इससे देश में भ्रष्टाचार कम होगा।
(ख) प्रशासनिक क्षमता बढ़ाना (Increasing Administrative Efficiency): यह उद्धरण कहता है कि अगर जनता को सत्ता के बँटवारे की प्रक्रिया में शामिल किया जाए तो इससे प्रशासनिक क्षमता बढ़ जाएगी क्योंकि लोग अपने बारे में स्वयं ही निर्णय लेने लग जाएंगे।
(ग) मध्यस्थों को कम करना (Reducing Middlemen): यह उद्धरण कहता है कि इस प्रक्रिया से काफ़ी हद तक जनता तथा प्रशासन के बीच मध्यस्थ खत्म हो जाएगी तथा सरकार द्वारा बनाए जाने वाले कार्यक्रम आसानी से लागू हो जाएंगे।
सत्ता की साझेदारी:
(क) विभिन्न समुदायों के बीच टकराव को कम करती है।
(ख) पक्षपात का अंदेशा कम करती है।
(ग) निर्णय लेने की प्रक्रिया को अटका देती है।
(घ) विविधताओं को अपने में समेट लेती है।
(ड़) अस्थिरता और आपसी फूट को बढ़ाती है।
(च) सत्ता में लोगों की भागीदारी बढ़ाती है।
(छ) देश की एकता को कमज़ोर करती है।
उत्तर-(सा) क, ख, घ, च।
(क)बेल्जियम में डच भाषी बहुसंख्यकों ने फ्रेंच भाषी अल्पसंख्यकों पर अपना प्रभुत्व जमाने का प्रयास किया।
(ख)सरकार की नीतियों ने सिंहली भाषी बहुसंख्यकों का प्रभुत्व बनाए रखने का प्रयास किया।
(ग)अपनी संस्कृति और भाषा को बचाने तथा शिक्षा तथा रोजगार में समानता के अवसर के लिए श्रीलंका के तमिलों ने सत्ता को संघीय ढाँचे पर बाँटने की माँग की।
(घ)बेल्जियम में एकात्मक सरकार की जगह संघीय शासन व्यवस्था लाकर मुल्क को भाषा के आधार पर टूटने से बचा लिया गया।
ऊपर दिए गए बयानों में से कौन से सही हैं?
उत्तर:- b, c और d
सूची 1 | सूची 2 |
1. सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा | a) सामुदायिक सरकार |
2. विभिन्न स्तर की सरकारों के बीच अधिकारों का बँटवारा | b) अधिकारों का वितरण |
3. विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी | c) गठबंधन सरकार |
4. दो या अधिक दलों के बीच सत्ता की साझेदारी | d) संघीय सरकार |
उत्तर – 1 – b, 2 – d, 3 – a, 4 – c
(अ) सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र के लिए लाभकर है।
(ब) इससे सामाजिक समूहों में टकराव का अंदेशा घटता है।
इन बयानों में कौन सही है और कौन गलत?
उत्तर-दोनों बयान सही हैं।
Samudayik Sarkar AVN Gathbandhan Sarkar Mein Antar bataiye