राइबोसोम क्या होते हैं राइबोसोम की खोज किसने की थी
आज हम आपको इस पोस्ट में एक बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी बताएंगे. यह जानकारी हम सभी के लिए बहुत ही जरूरी है. जैसे कि हमने आपको पिछली पोस्ट में बताया था कि पाचन तंत्र क्या होता है. क्योंकि इन सभी साइंस की चीजों से जुड़े हुए आपके UPSC CGL रेलवे एग्जाम टीचर एग्जाम आदि. में बहुत से प्रश्न पूछे जाते हैं. तो इन सभी चीजों के बारे में आपके लिए जानना बहुत ही जरूरी है तो आज हम इसी तरह के साइंस के एक और विषय के बारे में बात करेंगे आज का विषय है राइबोसोम क्या होता है राइबोसोम की खोज किसने की उसके प्रकार राइबोसोम का क्या काम होता है.
इन सभी चीजों के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से देंगे. ताकि अगर आप के एग्जाम में किसी भी तरह का कोई आता है. तो आप आसानी से जवाब दे सके और यह आपके सामान्य ज्ञान के लिए जानना बहुत ही जरूरी है. क्योंकि जब तक आप साइंस के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं करते हैं. उन को अच्छी तरीके से पढ़ते निकली है तो हम किसी सवाल का जवाब नहीं दे पाते इसलिए हम आपको आज अच्छी तरह से इस पोस्ट में राइबोसोम के बारे में समझाएंगे तो आप इस पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ें.
राइबोसोम की खोज
राइबोसोम क्या होते हैं
राइबोसोम कोशिका में पाए जाने वाला अत्यंत सूक्ष्म दर्शी करण होते हैं. जिनको सिर्फ इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी यंत्र की सहायता से देखा जा सकता है. इनको नंगी आंखों से देखना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है. यह बहुत ही छोटे और बारीक कण होते हैं. जिनको सिर्फ और सिर्फ सूक्ष्मदर्शी यंत्र की सहायता से ही देखा जा सकता है.कुछ राइबोसोम कोशिकाद्रव्य तैरते रहते हैं. और काफी बड़ी संख्या में अंतः प्रदव्यई जलिका राइबोसोम की नलिकाओं पर लगे होते हैं. इनका निर्माण प्रोटीन तथा RNA से होता है. RNA पूरा नाम राइबो न्यूक्लिक एसिड होता है. राइबोसोम का निर्माण होता तो केंद्र के अंदर है. लेकिन केंद्रकला के छिद्रों से निकलकर जहां पर केंद्र का किनारा यानी छिद्र होता है. उन छोटे-छोटे छिद्रों से निकलकर धीरे धीरे से कोशिकाद्रव्य में पहुंच जाते हैं. और नीचे अब हम आपको राइबोसोम की संरचना और इसके कार्यों के बारे में बताएंगे तो इसे आप ध्यान से देखें.
राइबोसोम की संरचना और कार्य
नीचे आपको यूकैरियोटिक कोशिका का चित्र दिखाया गया इसमें तीसरे नंबर पर छोटे बिन्दु के रूप में राइबोसोम को दिखाया गया है .
Source : wikipedia.org(1) केन्द्रिका
(2) केन्द्रक
(3) राइबोसोम (छोटे बिन्दु)
(4) आशय
(5) रूखड़ा आंतरद्रव्यजालिका
(6) गॉल्जीकाय
(7) कोशिका कंकाल
(8) साफ़ आंतरद्रव्यजालिका
(9) सूत्रकणिका
(10) रसधानी
(11) कोशिकाद्रव्य
(12) लयनकाय
(13) तारककाय
राइबोसोम की संरचना अत्यंत सरल होती है. लाइसोसोम काफी छोटे गोल एंजाइम युक्त थैली सदृश कण होते हैं. जो बाहर में एक कला द्वारा घिरे रहते हैं यह कला वसा और प्रोटीन की बनी होती है. इसके अंदर बहुत से एंजाइम पाए जाते हैं. जो अंतः कोशिकीय पाचन में सहायता करते हैं.
प्रत्येक राइबोसोम दो असमान भागों यानी उप इकाइयों का बना होता है. इसकी एक इकाई छोटे होती है. और दूसरी कई बड़ी होती है. दोनों इकाइयां एक साथ मिलकर गरारी की तरह संरचना बनाती है. जिस तरह से किसी भी चीज़ में गरारी का इस्तेमाल होता है. उस तरह से एक संरचना संरचना बनाती है. बड़ी इकाई गुंबदाकार होती है. और छोटी इकाई टोपी की तरह होती है.
राइबोसोम का प्रमुख कार्य – प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करना होता है. और यह क्रिया राइबोसोम में ही संपन्न होती है अथवा प्रोटीन संश्लेषण के द्वारा नए-नए प्रोटीन बनाना इनका काम होता है. और इसी कारण इनको प्रोटीन फैक्ट्री के नाम से भी जाना जाता है.अब आपको पता चल गया होगा कि राइबोसोम का क्या कार्य होता है इसका अवसादन गुणांक क्या होता है.
राइबोसोम के प्रकार
आकार एवं अवसादन गुणांक के आधार पर राइबोसोम दो प्रकार के होते हैं. पहले 70S राइबोसोम और दूसरा 80S राइबोसोम और इसके अंदर हमने आपको 70S / 80S इसके बारे में बताए तो इसका मतलब नीचे हम आपको बताएंगे.
1. 70S राइबोसोम – सबसे पहले बात करते हैं 70S राइबोसोम की यह आकार में छोटे होते हैं. उनका अवसादन गुणांक 70S होता है. इसकी छोटी इकाई 30 S और इसकी बड़ी इकाई 50S होती है. इस प्रकार के राइबोसोम प्रोकैरियोटिक जीव धारियों में मिलते हैं लेकिन कभी-कभी प्रयोग किया प्रोकैरियोटिक जीव धारियों के माइट्रोकांड्रिया और क्लोरोप्लास्ट पर भी मिल जाते हैं.
2. 80S राइबोसोम – यह आकार में बड़े होते हैं और इनका अवसादन गुणांक 80 S होता है. यह राइबोसोम सभी यूकैरियोटिक कोशिका में पाए जाते हैं. इसकी छोटी इकाई 40S और बड़ी इकाई 60S होती है. तो नीचे हम आपको बताएंगे कि अवसादन गुणांक क्या होता है. और जो 80 और 70 के साथ S का इस्तेमाल किया गया है. उसका क्या मतलब होता है.
अवसादन गुणांक क्या होता है और S का क्या मतलब है
राइबोसोम के अध्ययन के लिए एक विशेष प्रकार के यंत्र का इस्तेमाल किया जाता है. उसे प्रयोग में लिया जाता है.और उसे अल्ट्रासेंट्रीफ्यूज कहते हैं. राइबोसोम के घोल को विशेष प्रकार की से इस यंत्र की नलियों में डालकर बहुत तेजी के साथ घुमाया जाता है. विभिन्न प्रकार के आकारों के राइबोसोम विभिन्न प्रकार की गति से नली की तली पर बैठ जाते हैं. इसी गति को अवसादन गुणांक कहते हैं. और इसकी गति को मापने की इकाई Svedberg यूनिट होती है. जिसे S के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है. और यह अवसादन गुणांक को मापने की इकाई है.
तो आज हमने आपको इस पोस्ट में एक बहुत ही बढ़िया और महत्वपूर्ण जानकारी बताइए आज हमने आपको इस पोस्ट में साइंस के विषय राइबोसोम के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से आप को और क्या होता है उनके क्या क्या कार्य होते हैं.और राइबोसोम से जुड़ी हुई कुछ और भी महत्वपूर्ण जानकारी आपको इस पोस्ट ने आज हमने आपको दी तो यदि हमारे द्वारा बताई गई है. जानकारी आपको पसंद आए तो शेयर करना ना भूलें और यदि आपका इसके बारे में कोई सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं.
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