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हरियाणा के प्रसिद्ध साहित्यकार उनकी रचना

हरियाणा के प्रसिद्ध साहित्यकार उनकी रचना

इस पोस्ट में आपको बहुत आवश्यक जानकारी दी गई है जो आपकी परीक्षा के साथ साथ आपके सामान्य ज्ञान के लिए भी बहुत जरूरी है .इस पोस्ट में आपको हरियाणा के प्रसिद्ध साहित्यकार उनकी रचना के बारे में बताया जाएगा .वैसे तो हरियाणा में बहुत से रचनाकार रहे है ,लेकिन आज हम आपको प्रसिद्ध साहित्यकार उनकी रचना के बारे में जानकारी देगें .क्योंकि साहित्यकार उनकी रचना से संबंधित काफी प्रश्न हरियाणा कि परीक्षाओं में पूछे जाते है .इसलिए आप इस पोस्ट में दी गई जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़े .अगर यह जानकारी आपको फायदेमंद लगे तो दूसरो को शेयर जरुर करे.इसके अलवा भी हमारी वेबसाइट पर हरियाणा से संबंधित और भी जानकारी दी गई है जो आपके लिए फायेदेमंद है .

संत आत्मानंद – संत आत्मानंद हरियाणवी भाषा में असंख्य भक्ति के भजन ,पद एवं गीत लिखे
मिस्टर गोवर्धन सारस्वत – उन्होंने महाभारत, कृष्ण लीला, जोधपुर नरेश जसवंत सिंह, माधव नल,काम कंदला, दुल्ला आदि हरियाणवी सांग रचे.
ताऊसांगी – 19वीं शताब्दी के पूर्वोध्दर के ताऊ सांगी ने साहित्यकारों ने प्रमुख स्थान बनाया है उन्होंने रुकमणी विवाह जैसे ग्रंथों की रचना की उन्होंने हरियाणवी भाषा में कविताई भी की
कवि शंकर लाल शुक्ल – उन्होंने भक्त प्रह्लाद, भूरा बादल, भक्तमाल आदि हरियाणवी सांग लिखे.
राजाराम शास्त्री – राजा राम शास्त्री ने हरियाणवी में पद लिखने की परंपरा चलाए रखने में अपनी अहम भूमिका निभाई.

बंसीलाल – उन्होंने गुरु गुग्गा , राजा गोपीचंद, राजा नल आदि हरियाणवी रचना की
जैतराम – जैतराम संत गरीबदास के पुत्र और उच्च कोटि के साहित्यकार थे उन्होंने लगभग 25 किताबों की रचना की उन्होंने अपनी कविताएं भी हरियाणवी भाषा में लिखी.
सादुल्ला – मेवाती क्षेत्रों में यह वरिष्ठ साहित्यकार रहे उनके साहित्य में हरियाणवी का पुट विशेष तौर पर रहा. महाभारत इनका प्रसिद्ध ग्रंथ रहा.
कवि योगेश्वर बालकराम – उन्होंने हरियाणवी भाषा में पूर्ण भक्त , रामायण, सिलादे , कुंजडी आदि सांगो लिखे
अहमद बख्श – उन्होंने रामायण, जयमल पत्ता, गूगा चौहान,सोरठ, पद्मिनी, चंद्रकिरण आदित्य हरियाणवी सांगो की रचना की

संत गरीबदास – छुड़ानी ( झज्जर) मैं 1717 में पैदा हुए संत गरीबदास ने हरियाणवी भाषा में बहुत सारी अच्छी कविता लिखी
सैयद गुलाम हुसैन शाह – यह महम रोहतक के रहने वाले थे और उन्होंने हरियाणवी भाषा में राम माला, दाहिने हाथ का शंख जैसी महत्वपूर्ण रचना की
कृष्ण गोस्वामी – उन्होंने दिलावर, बुधामल , गुलबकावली, आदि हरियाणवी सांग लिखे
दयालदास – यह सब जयत राम के समकालीन गरीबदास के अनन्य भक्त थे हरियाणवी पूट के साथ उनके द्वारा रचित ग्रंथ विचार प्रकाश काफी प्रसिद्ध है
गुलाम कादिर – गुलाम कादिर( 1749- 1819) एक महान सूफी कवि एवं साहित्यकार थे उनके प्रसिद्ध ग्रंथों में प्रेम लहर, प्रेमवाणी. प्रेम प्याला ,इंतखाबजोगेसागर आदि प्रसिद्ध है उनके हरयाणवी चौपदे बहुत प्रसिद्ध हुए.

हरिदास – ताऊ सांगी के समकालीन हरिदास निधि हरियाणवी भाषा में कविताएं की और राजा रतनसेन जैसे कई ग्रंथों की रचना की
संत हरदेदास – हरियाणवी भाषा के कवि संत हरदेदास ( 1932) ने भी वरिष्ठ साहित्यकार हूं मैं अपना नाम दर्ज करवाया
गुरु गोरखनाथ – गुरु गोरखनाथ अनेक हरियाणवी अनेक राग भजन आदि लिखे हैं उनके हस्तलिखित एक पांडुलिपि में 49 राग और 182 पद संकलित बताए जाते हैं
अलीबख्स – अलीब्ख्स असंख्य दोहे, भजनो के साथ-साथ तमाशा राजा नल, पद्मावत, कृष्ण लीला आदि सांग भी लिखे.

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